Delhi News: देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अपराध में जमानत देने का नहीं आधार : हाई कोर्ट
न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपित को जमानत देने का कोई आधार नहीं है। ऐसे में जमानत अर्जी खारिज की जाती है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। चीनी खुफिया अधिकारियों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में गुप्त और गोपनीय दस्तावेजों की आपूर्ति में शामिल होने के आरोपित नेपाली नागरिक शेर सिंह उर्फ राज बोहरा को जमानत देने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपित को जमानत देने का कोई आधार नहीं है। ऐसे में जमानत अर्जी खारिज की जाती है।
जासूसी मामले में आरोपित
शेर सिंह पत्रकार राजीव शर्मा जासूसी मामले में एक आरोपित है और उस पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाया गया था।
दिल्ली पुलिस ने चीन से जुड़े होने का लगाया है आरोप
दिल्ली पुलिस ने सिंह पर उन चीनी कंपनियों में से एक के सह-निदेशक होने का आरोप लगाया है जिसके माध्यम से सह-आरोपित और पत्रकार राजीव शर्मा चीनी खुफिया अधिकारियों को गुप्त, गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेज दे रहे थे।
क्या है आरोप
आरोप है कि जासूसी कार्य के लिए शर्मा को जिन शेल कंपनी के माध्यम से धन प्राप्त हुआ था, सिंह उसका सह-निदेशक था। शर्मा को इससे पहले दिल्ली पुलिस और ईडी दोनों मामलों में जमानत मिल चुकी है। सिंह ने जमानत याचिका में तर्क दिया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है। वह अशिक्षित और अनपढ़ हैं और नेपाल के नागरिक है जो काफी समय से भारत में रह रहा था। सिंह ने कहा कि परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्त नौकरी की तलाश में भारत आया था और उसे कंपनी के कारोबार की जानकारी नहीं थी और उसकी भूमिका सीमित थी। वहीं, पुलिस ने अदालत को बताया कि सिंह उस कंपनी के सह-निदेशक था और इसका इस्तेमाल चीनी खुफिया अधिकारियों के निर्देश पर शर्मा को फंड देने के लिए किया जा रहा था।
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