दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त रुख, कहा- सफाई नहीं कर सकते तो नौकरी छोड़ घर बैठ जाएं
स्कूलों से रोजाना कचरा न उठाए जाने के कारण सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब हो गई है। इसके कारण बच्चों को गंदगी भरे माहौल में पढ़ना पड़ रहा है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। स्कूलों से समय पर कचरा न उठाने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों के अधिकारियों को फटकार लगाते हुई कहा कि अगर सफाई नहीं कर सकते तो नौकरी छोड़कर अपने घर बैठ जाएं। यह टिप्पणी कोर्ट ने नगर निगमों द्वारा लगातार बरती जा रही लापरवाही पर की।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने नगर निगमों को स्कूलों से रोजाना कचरा उठाने का निर्देश दिया। साथ ही एजेंसियों से जवाब भी दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने पूछा कि उन्हें स्कूलों की सफाई में इतना समय क्यों लग रहा है? इससे पहले 17 मई को कोर्ट ने तीनों निगमों, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् और दिल्ली छावनी परिषद् को स्कूलों से रोजाना कचरा उठाने का निर्देश दिया था।
कोर्ट के निर्देश के बाद अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कोर्ट एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में कहा गया है कि स्कूलों से रोजाना कचरा न उठाए जाने के कारण सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब हो गई है। इसके कारण बच्चों को गंदगी भरे माहौल में पढ़ना पड़ रहा है।
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