Delhi: किरायेदार के कर्मों की मकान मालकिन को नहीं दे सकते अनिश्चितकालीन सजा- हाई कोर्ट
किरायेदार द्वारा बच्चों से बालश्रम कराने के लिए सील की गई संपत्ति को दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए डी-सील करने का आदेश दिया कि किरायेदार के कर्मों की सजा अनिश्चितकाल तक मकान मालिक को नहीं दी सकती है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। किरायेदार द्वारा बच्चों से बालश्रम कराने के लिए सील की गई संपत्ति को दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए डी-सील करने का आदेश दिया कि किरायेदार के कर्मों की सजा अनिश्चितकाल तक मकान मालिक को नहीं दी सकती है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने कहा कि सिर्फ संपत्ति की मालिक होने के कारण यह उसके आय का स्रोत था।
याचिकाकर्ता महिला पर किरायेदार के साथ किसी भी तरह की मिलीभगत का आरोप नहीं है। यहां तक की किरायेदार समय पर उन्हें भुगतान भी नहीं करता था। ऐसे में अदालत की राय है कि महिला को उनकी संपत्ति का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही गांधी नगर के अजीत नगर गली नंबर-8 स्थिति संपत्ति को संबंधित एसडीएम को डी-सील करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि प्राधिकारी आरोपित किरायेदार के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।
मकान मालिक को पहले ही हो चुका है नुकसान
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता महिला की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने दलील दी थी कि किरायेदार द्वारा समय पर किराए का भुगतान नहीं करने के कारण पहले ही मकान मालकिन को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता ने पिछले साल एक व्यक्ति को संपत्ति किराए पर दी थी। किरायेदार को संबंधित संपत्ति में सिलाई के व्यवसाय में बच्चों का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था।
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2021 फरवरी में किया गया था सील
फरवरी 2021 में एसडीएम विवेक विकार, डीएम शाहदरा कार्यालय द्वारा परिसर को सील कर दिया गया था और इस मामले में गांधी नगर थाने में प्राथमिकी की गई थी। पुलिस के मुताबिक किराएदार फरार है। क्षेत्र में विभिन्न संपत्तियों के निरीक्षण के दौरान विभिन्न परिसरों में कुल 30 बच्चे काम करते पाए गए।
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