JNU छात्र संघ चुनाव परिणामों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई रोक, जानें क्या है पूरा मामला
जेएनयू छात्र संघ चुनाव के नतीजों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। यह रोक अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव के नतीजों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। यह रोक कोर्ट में अगली सुनवाई तक जारी रहेगी। हाई कोर्ट ने एक याचिका के बाद चुनाव परिणामों पर रोक लगाई है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव कुमार सचदेवा (Justice Sanjeev Sachdeva) ने जेएनयू प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में दो छात्रों ने याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जेएनयूएसयू (JNUSU) चुनाव समिति ने बिना किसी कारण का हवाला देते हुए उनके नामांकन को खारिज कर दिया।
शुक्रवार को संपन्न हुए चुनाव
इससे पहले शुक्रवार शाम तक जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान हुआ। सुबह 9.30 से दोपहर 1 बजे तक मतदान हुए। इसके बाद दोपहर 2.30 से शाम 5.30 बजे तक दूसरे चरण में मतदान हुआ। जेएनयू में 9 हज़ार छात्र अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद के साथ स्कूलों में 41 काउंसिलर को चुनने के लिए मतदान किया।
स्कूल ऑफ सोशल साइंस, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज जैसे स्कूल में मतदान केंद्र में काफी छात्रों ने मतदान किया। ढपली के साथ पूरे जोश से सभी छात्र संगठनों के समर्थक मतदान केंद्रों के पास छात्रों को अपने उम्मीदवारों को वोट देने की अपील करते नजर आए।
चुनाव प्रकिया में दखल देने की कोशिश का आरोप
वहीं 12.30 बजे के बाद जेएनयू छात्र संघ चुनाव समिति के मुख्य चुनाव आयुक्त शशांक पटेल ने दावा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के ग्रीवेंस रिड्रेसल सेल के अध्यक्ष जो स्टूडेंट वेलफेयर के डीन हैं उन्होंने मतदान केंद्र में घुसकर चुनाव प्रकिया में दखल देने की कोशिश की। यह लिंगदोह समिति की सिफारिशों और दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। हालांकि चुनाव समिति इस मामले में क्या कार्रवाई करेगी इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।
जेएनयू छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष के लिए छह, उपाध्यक्ष के लिए तीन, महासचिव के लिए तीन और संयुक्त सचिव पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में थे। एनएसयूआइ सिर्फ अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रही है, पिछले वर्ष चारों मुख्य पदों पर चुनाव लड़ा था। उपाध्यक्ष के लिए वाम एकता, छात्र राजद और एबीवीपी के बीच व महासचिव के लिए वाम,एबीवीपी व बापसा के बीच लड़ाई थी। संयुक्त सचिव पर वाम व एबीवीपी मैदान में हैं। अध्यक्ष के लिए एबीवीपी व वाम के याथ बापसा से जितेंद्र सुना, छात्र राजद से प्रियंका भारती, स्वतंत्र उम्मीदवार राघवेंद्र मिश्र और एनएसयूआइ से प्रशांत कुमार मैदान में हैं।
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