केजरीवाल के रुख पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी, आशुतोष को दी हिदायत
केजरीवाल के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि जब मामले में संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष बयान दर्ज हो रहे हों तो जज को ऐसे में मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि के मामले में सुनवाई की प्रक्रिया तेज करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट की मंशा किसी भी मामले को टालने की नहीं होती है, इसलिए इस तरह की याचिका दायर करने के बजाय मामले को सुलझाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष को भी उनके एक बयान पर हिदायत दी है। आशुतोष ने कहा था कि ट्रायल में की जा ही देरी पर हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना पड़ेगा।
पेश मामले में जेटली ने केजरीवाल व पांच अन्य आम आदमी पार्टी नेताओं के खिलाफ सिविल मानहानि का मामला दायर किया है।
केजरीवाल के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि जब मामले में संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष बयान दर्ज हो रहे हों तो जज को ऐसे में मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वहीं जेटली के अधिवक्ता ने कहा कि यह मात्र मामले में देरी करने का उद्देश्य है। मामला डीडीसीए में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।