दिल्ली हाई कोर्ट ने दी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत की कार्यवाही देखने की अनुमति
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने ताजा आदेश में यह अनुमति दे दी है कि अब लोग अदालती कार्यवाही देख सकते हैं। यह आदेश दिल्ली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जारी किया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने ताजा आदेश में यह अनुमति दे दी है कि अब लोग अदालती कार्यवाही देख सकते हैं। यह आदेश दिल्ली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही सुनवाई के लिए जारी किया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने आज इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है।
वहीं एक और मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) अधिनियम को असंवैधानिक बताते हुए दायर की गई जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली सरकार को चार सप्ताह की मोहलत दे दी। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने दिल्ली सरकार को अतिरिक्त समय देते हुए सुनवाई 30 जुलाई के लिए स्थगित कर दी। दिल्ली सरकार के स्टैंडिग काउंसिल ने कहा कि महामारी के कारण कर्मचारियों की संख्या कम है और इस कारण अब तक जवाब को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम गहलोत की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि डीएमसी चेयरमैन जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दिल्ली सरकार को दिया गया दो सप्ताह का समय पर्याप्त था, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
इधर, तीस हजारी अदालत परिसर में कोरोना जांच शिविर लगाया गया। इसमें विभिन्न अदालतों के न्यायाधीश समेत 100 कर्मचारियों ने कोरोना की जांच कराई। सभी निचली अदालतों के प्रशासनिक प्रमुख तीस हजारी अदालत के सत्र न्यायाधीश गिरीश कठपालिया ने दिल्ली सरकार की मदद से शिविर का आयोजन किया।
पांच स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सोमवार को 100 न्यायाधीशों व अदालत के कर्मचारियों सहित 100 लोगों के नमूने जांच के लिए एकत्रित किए। भीड़ से बचने के लिए केंद्रीय और पश्चिम जिलों के न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों को अलग-अलग चरण में बुलाया गया था। शिविर में लिए गए नमूनों की रिपोर्ट बुधवार तक आएगी। छह जिला अदालत परिसरों में एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं, ताकि रिपोर्ट में संक्रमित पाए जाने वाले कर्मचारियों को आपात स्थिति में उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।