अंतरिम जमानत रद करने की CBI की मांग पर दिल्ली HC ने भेजा दाती महाराज को नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने दाती महाराज को नोटिस किया है। यह नोटिस सीबीआइ की उस मांग पर जारी किया गया है जिसमें उनकी अंतरिम जमानत रद करने की मांग की गई है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। दिल्ली हाई कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में फंसे दाती महाराज और उनके तीन शिष्यों को नोटिस किया है। यह नोटिस सीबीआइ की उस मांग पर जारी किया गया है जिसमें दाती महाराज को मिली अंतरिम जमानत रद करने की मांग की गई है। जनवरी महीने में दांती महाराज को दिल्ली की एक निचली अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी थी।
जस्टिस चंदर शेखर (Chander Shekhar) की अदालत ने दाती महाराज को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 25 अगस्त तक के लिए टाल दी है। बता दें कि सीबीआइ ने दाती को जमानत देने का विरोध किया है। सीबीआइ ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
इससे पहले साकेत स्थित एडिशनल सेशन जज नीलम सिंह की अदालत ने दाती और अन्य तीन आरोपितों को जनवरी में अंतरिम जमानत दे थी। आरोपितों को एक लाख रुपये का पर्सनल बांड भी भरना पड़ा था। कोर्ट ने कहा था कि आरोपित ट्रायल कोर्ट की इजाजत के बिना दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जाएंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपित किसी भी तरह से पीड़ित या उसके परिवार से संपर्क नहीं करेंगे और न ही उन्हें धमकाने व सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे।
छतरपुर स्थित शनिधाम मंदिर के संस्थापक दाती महाराज पर उनकी ही एक 25 वर्षीय शिष्या ने पिछले साल जून में दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता की शिकायत पर फतेहपुरबेरी थाना पुलिस ने जून 2018 में मदनलाल राजस्थानी उर्फ दाती महाराज, उसके साथी अर्जुन, अशोक व अनिल पर सामूहिक दुष्कर्म, छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया था। फिर मामला क्राइम ब्रांच और उसके बाद सीबीआइ को दिया गया था।
आरोप है कि राजस्थान निवासी 25 वर्षीय युवती के साथ न केवल शनिधाम मंदिर के संस्थापक दाती महाराज ने सालों तक दुष्कर्म किया, बल्कि उसके तीन सौतेले भाई भी उन्हें हवस का शिकार बनाते रहे। युवती इन्हें दाती के खास शिष्य समझती थी, मगर क्राइम ब्रांच की जांच में यह जानकारी सामने आने के बाद उन्हें सच का पता चला। जांच के दौरान हुए इस सनसनीखेज खुलासे से पुलिस भी हैरान रह गई थी।