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Delhi Riots 2020: दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत, एक साल बाद मिली राहत

Delhi Riots 2020 दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि मामले में चौथा आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और मुकदमें अभी पर्याप्त समय लगेगा। ऐसे में आरोपित को अनिश्चित काल के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 09:51 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 09:51 AM (IST)
Delhi Riots 2020: दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत, एक साल बाद मिली राहत
Delhi Riots 2020: दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत, एक साल बाद मिली राहत

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फरवरी, 2020 में हुए दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस थाने में हमला कर पुलिसकर्मी की हत्या एवं दो अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल करने के मामले में आरोपित मोहम्मद मंसूर को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि मामले में चौथा आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और मुकदमें अभी पर्याप्त समय लगेगा। ऐसे में आरोपित को अनिश्चित काल के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता है।

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सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी कहा कि मोहम्मद मंसूर को 20 हजार रुपये के एक जमानती व इतनी ही राशि के निजी मुचलके पर तुरंत जमानत दी जाए। इसके साथ ही पीठ ने मंसूर को गवाहों को प्रभावित न करने निर्देश भी दिए हैं। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मंसूर के अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल का नाम प्राथमिकी या उसके बाद दायर तीन आरोपपत्रों में नहीं था। चौथे आरोप पत्र में उसका नाम शामिल किया गया। इसमें उस पर आरोप है कि वह पथराव करने वाली भीड़ का हिस्सा था। मंसूर के पास से हथियार भी बरामद नहीं हुआ। इसके अलावा एक सह-अभियुक्त को पहले ही जमानत दी जा चुकी है।

वहीं, अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित उस भीड़ का हिस्सा था, जिसने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर पथराव किया था। सीसीटीवी फुटेज में भी वह पथराव करने वाली भीड़ में शामिल दिखाई दे रहा है।

गौरतलब है कि फरवरी, 2020 में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकत रजिस्टर का विरोध करने के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी। इसमें 50 से अधिक लोगों की जान गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस हिंसा मामले में कई नेता भी गिरफ्तार हैं।


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