Delhi Doctors' salaries: वेतन देने के लिए 15 दिन के अंदर एनडीएमसी का फंड जारी करें दिल्ली सरकार: HC
Delhi Doctors salaries कोर्ट ने एनडीएमसी से कहा कि वह दिल्ली सरकार द्वारा दी गई रकम को सिर्फ रेसिडेंट डॉक्टरों के वेतन देने पर ही खर्च करे किसी अन्य काम में नहीं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Doctors' salaries: उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal Corporation) के छह अस्पतालों के स्थानीय डॉक्टरों के वेतन के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार को अहम निर्देश दिया। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि वेतन देने के लिए 15 दिन के अंदर एनडीएमसी का फंड जारी करें। पीठ ने साथ ही एनडीएमसी से कहा कि वह दिल्ली सरकार द्वारा दी गई रकम को सिर्फ रेसिडेंट डॉक्टरों के वेतन देने पर ही खर्च करे, किसी अन्य काम में नहीं।
पीठ ने उक्त आदेश समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका पर दिया। खबरों के अनुसार, मार्च से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। जिस वजह से वह रिजाइन कर देंगे या हड़ताल पर चले जाएंगे। एनडीएमसी ने पीठ से कहा कि उसने डॉक्टरों को मई की सैलरी दे दी है। इसके अलावा अन्य बकाया को लेकर उसने सभी कागजात दिल्ली सरकार को दे दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील सत्यकाम ने कोर्ट से कहा कि एनडीएमसी के पास खुद लगभग 139 करोड़ रुपये पड़े हुए हैं और वह रकम को खर्च कर सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को अभी तक जो पैसे दिए हैं उसके खर्च का हिसाब नहीं दिया गया है। सत्यकाम ने पीठ को यह भी बताया कि एनडीएमसी के कर्मचारियों के वेतन देने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है। वह सिर्फ स्वास्थ्य मद में डॉक्टरों को वेतन देती है। इस पर पीठ ने एनडीएमसी से कहा कि वह अभी तक खर्च की गई कम की जानकारी एक शपथ पत्र में दे। पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया की यह मामला सिर्फ डॉक्टरों के वेतन से संबंधित है।