दिल्ली HC की टिप्पणी- जब चीजें खराब होती हैं, तब आप सभी पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं
देश की राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) परिसर में कोरोना वायरस संक्रमण देखभाल केंद्र स्थापित करने में देरी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए तल्ख टिप्पणी की।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। देश की राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में कोरोना वायरस संक्रमण देखभाल केंद्र स्थापित करने में देरी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए तल्ख टिप्पणी की। स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने पूछा कि अब तक इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? पीठ ने कहा कि आप समय बर्बाद नहीं कर सकते। आखिर दिल्ली सरकार क्या कर रही है? जब चीजें खराब होती हैं, तब आप सभी पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील रिजवान ने पीठ को बताया कि केंद्र स्थापित करने के लिए संबंधित फाइल पर विचार और अनुमोदन लंबित है। उन्होंने पीठ को सूचित किया कि दिल्ली सरकार ने कोई स्थिति रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। इस पर पीठ ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का समय देते हुए 13 अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ व जेएनयू छात्र संघ और दो फैकल्टी सदस्यों ने याचिका दायर कर परिसर में कोरोना केंद्र स्थापित करने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अभिक चिमनी ने पीठ को बताया कि दो आदेश पारित होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने अभी तक केंद्र स्थापित नहीं किया है।
जेएनयू की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने केंद्र स्थापित करने के लिए जगह पहले ही निर्धारित कर ली है और पानी-बिजली देने के लिए भी सहमत है। अदालत ने मई में कोरोना संक्रमितों की देखभाल के लिए केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया था।