हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के विरुद्ध बयान देने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व कोच शोर्ड मार्टिन पर लगाई रोक
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने टिप्पणी की कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व कोच खिलाड़ियों के विरुद्ध ऐसे आरोप लगा रहे हैं। पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया मार्टिन द्वारा दिया गया बयान सिंह की प्रतिष्ठा के लिए मानहानिकारक हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय महिला राष्ट्रीय हाकी टीम के पूर्व मुख्य कोच शोर्ड मार्टिन पर पुरुष हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के विरुद्ध उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में कोई भी बयान जारी करने, साक्षात्कार देने या अपनी आगामी पुस्तक के कुछ अंश प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है।
मनप्रीत सिंह की ने मार्टिन द्वारा उनकी आगामी पुस्तक विल पावर: द इनसाइड स्टोरी आफ द इनक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन वीमेन्स हॉकी का एक अंश एक प्रतिष्ठित अखबार में प्रकाशित होने के खिलाफ मानहानि मुकदमा दायर किया है।
अखबार को दिए साक्षात्कार में मार्टिन ने आरोप लगाया था कि मनप्रीत सिंह ने टीम के युवा खिलाड़ियों को उद्देश्य से कम प्रदर्शन करने के लिए कहा था, ताकि उनके साथी टीम में शामिल हो सकें।
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने टिप्पणी की कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व कोच खिलाड़ियों के विरुद्ध ऐसे आरोप लगा रहे हैं। पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया मार्टिन द्वारा दिया गया बयान सिंह की प्रतिष्ठा के लिए मानहानिकारक हैं।
उपरोक्त बयान सार्वजनिक डोमेन में है और इससे वादी को अपूरणीय क्षति होगी। नतीजतन, सुनवाई की अगली तारीख तक मार्टिन उपरोक्त बयानों के संबंध में न तो कोई भी बयान जारी करेंगे और न ही साक्षात्कार देंगे। पीठ ने मार्टिन की किताब के प्रकाशन पर रोक लगाने का भी आदेश दिया।
19 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट की एक अन्य पीठ ने महिला हाकी खिलाड़ी गुरमीत कौर की याचिका पर भी मार्टिन की किताब के विमोचन पर रोक लगा दी थी। कौर ने मार्टिन द्वारा अपनी किताब में उनकी चिकित्सा स्थिति को सार्वजनिक करने से रोकने की मांग की थी।
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