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मोटर वाहनों के पुन: पंजीकरण के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब

हाई कोर्ट ने मोटर वाहनों के पुन पंजीकरण के संबंध में याचिका को चुनौती देने वाले नियमों पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 11:49 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 11:49 AM (IST)
मोटर वाहनों के पुन: पंजीकरण के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली हाई कोर्ट ने मोटर वाहनों के पुन: पंजीकरण के संबंध में याचिका को चुनौती देने वाले नियमों पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने केंद्र को इस संबंध में जवाब दाखिल करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई चार मई को होगी।

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हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता ने देश भर में निजी वाहनों के लिए एक समान रोड टैक्स के बारे में नीति बनाने की भी मांग की गई है।

नहीं है फास्टैग तो फिटनेस प्रमाण पत्र भी नहीं मिलेगा

दिल्ली में 13 टोल नाकों से व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश के लिए जरूरी रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) यानि फास्टैग अब फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए भी अनिवार्य होगा। यानी उन्ही व्यावसायिक वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट मिलेगा जिस पर आरएफआइडी टैग लगा होगा। बीते दिनों ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण) के साथ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली परिवहन विभाग की बैठक में इस पर सहमति बन गई है। इसके बाद जल्द ही यह नियम लागू हो जाएगा और व्यावसायिक वाहनों को आरएफआइडी टैग होने की स्थिति में ही फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

किसी भी नए या पुराने व्यावसायिक वाहन को हर दो वर्ष में परिवहन विभाग से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है। गत 25 अगस्त से दिल्ली में आरएफआइडी टैग की व्यवस्था लागू हो गई है। इसके तहत दिल्ली में 13 टोल नाकों से व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर टैग से प्रवेश अनिवार्य है। ऐसा न होने की स्थिति में दोगुना टैक्स और पर्यावरण क्षतिपूर्ति टैक्स भी दोगुना देना होता है। लेकिन बड़ी संख्या व्यावसायिक वाहनों की ऐसी है कि जो बिना आरएफआइडी टैग के ही दिल्ली में व्यावसायिक वाहन चला रहे हैं। ऐसे लोगों को टैग व्यवस्था के दायरे में लाने को सभी ऐजेंसियां फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आरएफआइडी टैग की व्यवस्था को लागू कर रही हैं।


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