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यमुनापार में डेंगू के प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य समिति चेयरमैन और निगम के आयुक्त की बैठक, अस्पताल में रूटीन सर्जरी पर रोक

यमुनापार में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए नगर निगम चिंतित हो गया है। बृहस्पतिवार को निगम मुख्यालय में स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद निगमायुक्त विकास आनंद ने भी इसी मुद्दे पर अलग से बैठक की।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 10:08 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 08:09 AM (IST)
यमुनापार में डेंगू के प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य समिति चेयरमैन और निगम के आयुक्त  की बैठक, अस्पताल में रूटीन सर्जरी पर रोक
स्वामी दयानंद अस्पताल में डेंगू के लिए बेड की संख्या बढ़ाकर 200 किया जाएगा।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। यमुनापार में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए नगर निगम चिंतित हो गया है। बृहस्पतिवार को निगम मुख्यालय में स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद निगमायुक्त विकास आनंद ने भी इसी मुद्दे पर अलग से बैठक की। बैठक में ही स्वामी दयानंद अस्पताल की तरफ से जानकारी दी गई कि डेंगू के मरीजों की संख्या उनके यहां 90 तक पहुंच गई है। इस वजह से रूटीन सर्जरी रोक दी गई है।

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आपात स्थिति में पहुंचे मरीजों और गर्भवती महिलाओं की सर्जरी अभी जारी रहेगी। स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन की बैठक में यह तय किया गया कि स्वामी दयानंद अस्पताल में डेंगू के लिए बेड की संख्या बढ़ाकर 200 किया जाएगा। करीब 300 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में शुरुआत में डेंगू के लिए 40 बेड आरक्षित किए गए थे। लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने पर आपातकालीन विभाग और सर्जिकल विभाग में अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं।

प्रमोद गुप्ता ने अधिकारियों को कहा कि क्षेत्र में पड़ने वाले सभी सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों तथा ऐसे स्थान जहां लोगों का आवागमन अधिक है, उन स्थानों पर ध्यान देने के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाएं। उन्होंने कहा कि आगामी 15 दिन बहुत डेंगू के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। प्रमोद गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों की छुट्टी निरस्त की जाए। शनिवार और रविवार का अवकाश फिलहाल रद माने जाएं।

फील्ड वर्करों को चालान का दिया अधिकार: पूर्वी निगम के आयुक्त विकास आनंद ने भी मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। उन्होंने फील्ड में तैनात वर्करों (कर्मचारियों) को चालान का अधिकार दे दिया है। ये कर्मचारी जहां भी मच्छर का लार्वा पाएंगे, वहां चालान कर सकेंगे। इन्हें यह अधिकार दो माह के लिए दिया गया है।

इसके अतिरिक्त जन स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए दोनों जोन के उपायुक्तों को अपने-अपने क्षेत्रों में नाला बेलदारों को जन स्वास्थ्य विभाग में कुछ समय के लिए स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। विकास आनंद ने सरकारी भवनों, स्कूलों, सामुदायिक भवनों और औषधालयों के परिसरों में मच्छरों के प्रजनन की नियमित जांच करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को डेंगू से रोकथाम के बारे में जागरूक करें साथ ही चालान में भी तेजी लानी होगी।

अस्पताल में किए गए विशेष इंतजाम: बैठक में स्वामी दयानंद अस्पताल की चिकित्स अधीक्षक डा. रजनी खेडवाल ने बताया कि डेंगू का इलाज करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बेड बढ़ाने के साथ डेंगू के उपचार के लिए सभी जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स सेपरेटर मशीन भी पूरी तरह से कार्य कर रही है।

झूठे साबित हो रहे आंकड़े: पूर्वी निगम द्वारा चार दिन पहले जारी आंकड़ों में डेंगू के कुल मरीजों की संख्या करीब 82 बताई गई थी। जबकि सिर्फ स्वामी दयानंद अस्पताल में ही 90 मरीज भर्ती हैं। इनके अलावा दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भी डेंगू के कई मरीज भर्ती हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि डेंगू की रिपोर्ट दक्षिणी निगम को जाती है। वह नोडल एजेंसी है। यहां से पूर्वी निगम तक आंकड़े आने में एक सप्ताह का समय लगता है। ऐसे में इस हफ्ते की स्थिति अगले हफ्ते की रिपोर्ट में शामिल होती है।


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