दशहरे में रावण और पटाखे जलाने पर गाइडलाइन बनाए सरकार: दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दशहरे में रावण और पटाखे जलाने को लेकर गाइडलाइन बनाने को कहा जिन्हें अगले साल से लागू किया जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी में विजयादशमी पर हजारों की संख्या में रावण के पुतले के दहन को नियंत्रित करने को हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को नीति बनाने के निर्देश दिए। साथ ही पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार को इस बाबत उठाए गए कदमों को लेकर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए। एक ऑटो चालक ने जनहित याचिका दाखिल कर विजयादशमी पर बड़े पैमाने पर पुतला दहन को नियंत्रित करने की मांग की है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने कहा कि आप (केंद्र व दिल्ली सरकार) नहीं चाहते कि आम नागरिक सांस ले। पीठ ने कहा कि पुतले के दहन को लेकर एक नीति बनाएं। उक्त नीति को अगले साल विजयादशमी से पहले लागू किया जाए। इसे लागू करने को इस बार पर्याप्त समय नहीं बचा है। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।
प्रदूषण के स्तर में कमी आई है
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से स्टैंडिंग काउंसल अजय दिगपाल ने कहा कि सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है ताकि राजधानी में प्रदूषण को कम किया जा सके। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदम के कारण राजधानी में प्रदूषण के स्तर में कमी आई है।
दस हजार से अधिक पुतले जलाए जाते हैं
याचिकाकर्ता ऑटो चालक केके राय ने अदालत में दलील दी कि दिल्ली से बड़े उनके जिले में रावण का एक पुतला जलाया जाता है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में हर साल दस हजार से अधिक पुतले जलाए जाते हैं। इस तर्क को सही ठहराते हुए अदालत ने केंद्र व दिल्ली सरकार को इस बाबत एक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा, जिसमें इस संबंध में उठाए गए कदमों का जिक्र किया गया हो।
41 टीमों को किया गया तैनात
बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 41 टीमों को दिल्ली-एनसीआर की स्थिति पर नजर रखने के लिए तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रदूषण से निपटने के उपायों में बदरपुर बिजलीघर को बंद कर दिया गया है। मशीनों से सफाई और पानी के छिड़काव के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं, यदि हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' पाई गई तो डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी। मेट्रो और बसों की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ाई जाएगी।
प्रदूषण का स्तर इस तरह प्रभावित करता है
0-50 - अच्छी- सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं, हवा में ऑक्सीजन की ज्यादा मात्रा
51-100 - सामान्य- हल्का प्रदूषण, स्वास्थ्य पर ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं
101-150 - संवेदनशील- (बच्चों, दिल व अस्थमा के रोगियों के लिए खतरनाक, तनावपूर्ण)
151-200 - अस्वस्थ - (स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव)
201-300 अति संवदेनशील- (बच्चों, बुजुर्ग, अस्थमा, दिल के मरीजों की बाहर निकलने पर भी पाबंदी)
301-500 - खतरनाक - (सांस लेने में परेशानी, गंभीर बीमारियों का खतरा)