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दिल्ली में शव वाहन की दरें तय, लोगों से अनाप शनाप वसूली पर लगेगी लगाम

राजधानी में कोरोना संक्रमण काल में शव वाहनों द्वारा आम लोगों से अनाप शनाप वसूली की जा रही है जिसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने वाहन की दर तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेशानुसार डीडीएमए ने वाहन की दर तय करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 10:55 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 10:55 AM (IST)
दस किलोमीटर के बाद शेष दूरी के लिए सौ रूपए प्रति किलोमीटर की दर से किराया देय होगा।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने राजधानी में शव को दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्मशान तक पहुंचाने के लिए शव वाहन का रेट 1300 रूपए तय कर दिया है। इसमें शव वाहन का किराया, ड्राइवर का खर्च व पीपीई किट पहने एक अटेंडेंट का खर्च शामिल है। दस किलोमीटर के बाद शेष दूरी के लिए सौ रूपए प्रति किलोमीटर की दर से किराया देय होगा।

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राजधानी में कोरोना संक्रमण काल में शव वाहनों द्वारा आम लोगों से अनाप शनाप वसूली की जा रही है, जिसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने वाहन की दर तय करने का आदेश दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशानुसार डीडीएमए ने शनिवार को वाहन की दर तय करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है।

इस आदेश में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण काल में अगर मृतक के परिवार के सदस्व शव को कपड़े में अच्छी तरह लपेटने की सुविधा मांगेंगे तो उन्हें 1300 रूपए के साथ सात सौ रूपए अतिरिक्त देना होगा।शव वाहन में एक अटेंडेंट के अलावा मृतक के परिजन दूसरा अटेंडेंट मांगेंगे तो दूसरे अटेंडेंट के लिए पांच सौ रूपया देना होगा। इस पांच सौ रूपए में दूसरे अटेंडेंट द्वारा पहने जाने वाली पीपीई किट का चार्ज शामिल होगा। हालांकि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में शव वाहन की सेवा निशुल्क दी जाती है।

कोरोना संक्रमितों को सोसायटी में ही मिल रही आक्सीजन

राजधानी में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच में आरडब्ल्यूए उम्मीद की किरण के रूप में सामने आ रहा है। आरडब्ल्यूए न केवल सोसायटी में रहने वालों के लिए जरूरी सामग्री उनके दरवाजे तक पहुंचा रहा है, बल्कि जरूरत पड़ने पर आक्सीजन और प्लाज्मा जैसी जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। दक्षिणी दिल्ली की लगभग सभी आरडब्ल्यूए वाट्सएप ग्रुप के जरिये आपस में जुड़ी हुई हैं। इन ग्रुप के जरिये लोग एक दूसरे का हालचाल भी पूछ रहे हैं और उनकी मदद भी कर रहे हैं।


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