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12वीं तक छात्राओं को मिड डे मील देने वाला देश का पहला राज्य बनेगा दिल्ली

अब अप्रैल से दिल्ली सरकार के विद्यालयों में कक्षा 12वीं तक की छात्राओं को मध्याह्न भोजन मिलेगा। योजना के विस्तार के लिए सरकार अपने बजट प्रस्तावों में अलग से कोष तय करेगी।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 02 Mar 2017 07:47 AM (IST)Updated: Thu, 02 Mar 2017 03:15 PM (IST)
12वीं तक छात्राओं को मिड डे मील देने वाला देश का पहला राज्य बनेगा दिल्ली
12वीं तक छात्राओं को मिड डे मील देने वाला देश का पहला राज्य बनेगा दिल्ली

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 वीं तक की छात्रओं को भी मिड-डे मील मिलेगा। दिल्ली सरकार इसके लिए आगामी बजट में 50 करोड़ की राशि का विशेष प्रावधान करने जा रही है। योजना एक अप्रैल से लागू होने की उम्मीद है। अभी तक फिलहाल यह योजना नर्सरी कक्षा से लेकर कक्षा 8 तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए है।

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दिल्ली सरकार चाहती है कि आठवीं की जगह 12वीं तक की छात्रओं को यह सुविधा दी जाए। सरकार का मानना है कि छात्रा की कक्षा बढ़ने से उसकी परिवारिक पृष्ठभूमि नहीं बदलती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 12 तक की छात्राओं को भी मिड-डे मील देने की योजना बनाई गई है।

भविष्य में इस योजना में लड़कों को भी शामिल किया जा सकता है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस योजना का लाभ उन 450 स्कूलों को मिलेगा, जहां सुबह की पाली में छात्राएं पढ़ती है।

बता दें कि फिलहाल मिड-डे मील पर आने वाले खर्च का 60 फीसद केंद्र और 40 फीसद राज्य सरकार उठाती है। इसमें मुफ्त अनाज के साथ 8-9 रुपये प्रति विद्यार्थी कुकिंग का पैसा दिया जाता है और करीब सालाना 95 करोड़ रुपये का खर्च होता है।

दिल्ली सरकार मिड-डे मील के लाभ को जांचने के लिए सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के स्वास्थ्य की जांच भी करेगी। सत्र शुरू होने पर बच्चों का वजन और लंबाई मापी जाएगी। इसके बाद चार-चार माह में जांच की जाएगी। बच्चों के स्वास्थ्य का चार्ट भी तैयार किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी पता करना है।

यह भी जानें 

सरकार ने दावा किया कि दिल्ली 12वीं तक मध्याह्न भोजन देने वाला देश में पहला राज्य बन जाएगा। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार अतिशी मरलेना ने कहा कि दिल्ली सरकार 1 अप्रैल से कक्षा नौवीं से 12वीं तक की लड़कियों को मध्याह्न भोजन देना शुरू करेगी। इसके लिए सरकार 50 करोड़ रुपये तय करेगी।

उन्होंने कहा कि बाद में इन कक्षाओं के लड़कों को भी इस योजना के दायरे में लाया जाएगा। केंद्र कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को मध्याह्न भोजन देने के लिए हर साल दिल्ली सरकार को करीब 95 करोड़ रुपये देती है।


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