शराब पर 'कोरोना टैक्स' से 15 दिन में दिल्ली सरकार ने कमाए 110 करोड़ रुपये
दिल्ली सरकार को शराब पर लगाए गए विशेष कोरोना शुल्क से 15 दिनों में 110 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार को शराब पर लगाए गए विशेष कोरोना शुल्क से 15 दिनों में 110 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। आबकारी विभाग के अनुसार, शराब से दिल्ली सरकार को 5 मई से 20 मई के बीच विशेष कोरोना शुल्क के तौर पर 110 करोड़ रुपये मिले। शराब दिल्ली सरकार के लिए आय का प्रमुख स्त्रोत है और शनिवार से शराब की 66 निजी दुकानों के खुलने के साथ दिल्ली सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी की संभावना है।
दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन में अब तक 323 करोड़ रुपये टैक्स की वसूली की है। हालांकि पिछले साल मई में हुई टैक्स वसूली की तुलना में ये उसका लगभग 20 फीसद ही है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने शराब की बोतलों के एमआरपी पर 70 फीसद विशेष कोरोना शुल्क लगाया था। इसके अलावा डीजल और पेट्रोल की कीमतों पर 30 फीसद दर से वैट भी लगाया गया। इन कदमों से दिल्ली सरकार को ज्यादा राजस्व वसूली की उम्मीद है।
सरकार ट्रेडर्स व मजदूर दोनों की मदद करे : पूनम गुप्ता
ट्रेडर्स सरकार के निर्देशानुसार गरीबों व जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने राहत पैकेज में ट्रेडर्स को कोई राहत नहीं दी है। सरकार को चाहिए कि वह ट्रेडर्स व मजदूर दोनों की मदद करे। यह बातें अर्जुन गुप्ता फाउंडेशन की संस्थापक व कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की महिला विंग की दिल्ली संयोजक पूनम गुप्ता ने शुक्रवार को कही। उन्होंने बताया कि कैट की महिला पदाधिकारियों ने शुक्रवार को अपने गृह प्रदेश जा रहे कामगारों को बदरपुर बॉर्डर पर खाद्य सामग्री वितरित की।
कामगारों को जूस, फल, दूध, ब्रेड, बिस्कुट व पानी आदि दिया। जरूरतमंद गरीब महिलाओं को बीमारी से बचाने के लिए सैनिटरी नैपकिन व बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए ओआरएस पाउडर के पैकेट दिए गए। कामगारों को बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द व अन्य बीमारियों की दवा भी दी गई। पूनम ने बताया कि वर्तमान स्थिति में सरकार को कामगारों को उनके गृह प्रदेश पहुंचाने के लिए उचित इंतजाम करने चाहिए, ताकि थोड़ा समय अपने गृह प्रदेश में बिताने के बाद वे वापस लौट सकें। मजदूर अगर न लौटे तो काम धंधा चौपट हो जाएगा। संकट के समय में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लोगों तक मदद पहुंचा रहे ट्रेडर्स को सरकार को रियायत जरूर देनी चाहिए।