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उद्यमिता पाठ्यक्रम : ट्विटर पर सरकार ने लोगों से किया संवाद, बताया कैसे बच्‍चे देंगे नौकरी

ट्विटर पर इस कार्यक्रम की बदौलत हैशटेग आस्क एड्यूमिनि एमएससिसोदिया के साथ लोगों से सवाल मंगाए गए थे। जिनका जवाब उपमुख्यमंत्री एवं दो प्रतिष्ठित शिक्षकों ने दिया।

By Edited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 10:54 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 04:22 PM (IST)
उद्यमिता पाठ्यक्रम : ट्विटर पर सरकार ने लोगों से किया संवाद, बताया कैसे बच्‍चे देंगे नौकरी
उद्यमिता पाठ्यक्रम : ट्विटर पर सरकार ने लोगों से किया संवाद, बताया कैसे बच्‍चे देंगे नौकरी

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली सरकार नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए नए सत्र से उद्यमिता पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है। इस पर सरकार लोगों से संवाद कर रही है। एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (उद्यमिता पाठ्यक्रम) की बारीकियों पर ट्विटर पर विस्तृत चर्चा हुई। उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित दिल्ली के सरकारी स्कूल की शिक्षिका मनु गुलाटी और अमेरिका में फुलब्राइट स्कॉलरशिप पाने वाले शिक्षक मुरारी झा के साथ सोशल मीडिया के जरिये उद्यमिता पाठ्यक्रम पर चर्चा की।

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ट्विटर पर हैशटैग आस्क एड्यूमिनि एमएससिसोदिया के साथ लोगों से सवाल पूछे गए थे, जिनका जवाब उपमुख्यमंत्री एवं इन दोनों प्रतिष्ठित शिक्षकों ने दिया। चर्चा की शुरुआत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब स्कूलों से निकलने वाले युवा कॉलेज की तरफ बढ़ते हैं तो उनके दिमाग में ज्यादातर नौकरी पाने की कोशिश होती है और उसके हिसाब से वे पाठ्यक्रमों का चयन करते हैं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनका मस्तिष्क उद्यमिता के लिए नहीं होता है। ऐसे में वे किसी कंपनी में नौकरी करते हैं। फिर प्रश्न यह उठता है कि कितनी नौकरियां कहां से आएंगी। इसलिए जरूरी है कि नौकरी पाने वाले और देने वालों के बीच में संतुलन बना रहे।
इसलिए दिल्ली सरकार आगामी शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों के लिए उद्यमिता पाठ्यक्रम लाने जा रही है। इसका उद्देश्य होगा कि स्कूल से जब बच्चा निकले तो वह नौकरी देने के लिए तैयार रहे। इसका पूरा खाका तैयार करने की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है।

मनु गुलाटी ने ऐसे कारणों पर चर्चा की जो बच्चों को उद्यमिता की ओर जाने से रोकते हैं। नए पाठ्यक्रम में इन कारणों से निपटने की क्या व्यवस्था होगी, इस पर भी प्रकाश डाला। एक सवाल आया कि हमने दिल्ली की शिक्षा क्रांति के नाम पर सोशल मीडिया पर बड़ी-बड़ी और सुंदर इमारतें बहुत देखी हैं, लेकिन शिक्षकों नें क्लासरूम के अंदर क्या बदलाव देखा है और अपने रोल को लेकर क्या सोचते हैं? जवाब में शिक्षकों ने दिल्ली के स्कूलों में पाठ्यक्रमों और अन्य बदलावों के बारे में बताया। उपमुख्यमंत्री ने भी प्रश्नों के जवाब दिए।


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