सरकार अधिकारियों को डराने के बजाय लोक कल्याण के कार्यों पर ध्यान दे: तिवारी
दिल्ली हाई कोर्ट और केंद्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और अधिकतर मामलों में उपराज्यपाल प्रशासनिक प्राधिकारी होते हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। भाजपा ने दिल्ली सरकार द्वारा अधिकारियों को लिखे गए पत्र की निंदा की है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि सरकार अधिकारियों को डराने के बजाय लोक कल्याण के कार्यों पर ध्यान दे।
दिल्ली हाई कोर्ट और केंद्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और अधिकतर मामलों में उपराज्यपाल प्रशासनिक प्राधिकारी होते हैं। सरकार को इसका ध्यान रखना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों के नाम अपने पत्र में सरकार को मिले जनमत की दुहाई दी है और कहा कि सभी अधिकारी संबंधित मंत्री को हर मामले की रिपोर्ट करें। यह संवैधानिक प्रक्रिया के विपरीत है।
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि सरकार को आदेश देना पड़ा हो कि अधिकारी बिना मंत्री की सहमति के आदेश पारित नहीं कर सकते। इस तरह के आदेश का असर दिल्ली के विकास पर पड़ेगा। सरकार के काम में भी बाधा आएगी।
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