दिल्ली सरकार ने प्रगति मैदान सुरंग सड़क परियोजना पर काम की मांगी इजाजत
दिल्ली सरकार की ढांचागत विकास की 32 से अधिक परियोजनाओं पर इस समय काम बंद है। इसमें प्रगति मैदान सुरंग सड़क परियोजना भी प्रमुख रूप से शामिल है। 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसे जनता को समर्पित करने की योजना है।
नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। दिल्ली सरकार ने प्रगति मैदान सुरंग सड़क परियोजना और कोविड को लेकर तैयार किए जा रहे अस्पतालों का काम पूरा करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से काम की अनुमति मांगी है। दिल्ली सरकार के लिए विकास की योजनाओं पर काम करने वाले लोक निर्माण विभाग ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि सुरंग सड़क राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है, इस का काम अंतिम चरण में है। इसलिए इस पर काम करने की अनुमति दे दी जाए। इसी तरह कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए तैयार किए जा रहे आइसीयू बेड वाले अस्पतालों का काम जारी रखने की भी अनुमति मांगी गई है।
दिल्ली सरकार की ढांचागत विकास की 32 से अधिक परियोजनाओं पर इस समय काम बंद है। इसमें प्रगति मैदान सुरंग सड़क परियोजना भी प्रमुख रूप से शामिल है। आइटीओ इलाके को जाम मुक्त बनाने वाली इस सुरंग सड़क परियोजना को जनता को समर्पित करने की तारीख एक बार फिर बढ़ चुकी है। 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसे जनता को समर्पित करने की योजना है।
सुरंग सड़क के साथ ही बन रहे छह अंडरपास भी जनता को समर्पित किए जाएंगे। यह परियोजना प्रगति मैदान पुनर्विकास योजना के तहत अस्तित्व में आई है। इस परियोजना पर काम करा लोक निर्माण विभाग चाहता है कि इस परियोजना पर काम करने की अनुमति दी जाए जिससे इसे इस डेडलाइन तक तैयार कर लिया जाए।
दिल्ली सरकार भी इस परियोजना को लेकर लगातार विभाग पर दबाव बनाए रही है। सरकार चाहती है कि यह परियोजना जल्द पूरी हो। क्योंकि, इसके पूरा होने से आइटीओ इलाके में जाम से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी। इस परियोजना के तहत प्रगति मैदान सुरंग सड़क, मथुरा रोड सिग्नल फ्री कारिडोर और रिंग रोड-भैरों मार्ग अंडरपास योजना पर काम हो रहा है। अब इसे हर हाल में जनवरी के दूसरे सप्ताह तक पूरा करने का विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है।इंडिया गेट से रिंग रोड पर आने जाने वाले वाहन चालक इस सुरंग सड़क का उपयोग कर सकेंगे।
वहीं, दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर इससे निपटने के लिए जो तैयारी शुरू की है, उसके तहत लोक निर्माण विभाग 6,834 आइसीयू बेड तैयार कर रहा है। इन्हें विभिन्न अस्पतालों में अतिरिक्त निर्माण कर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए काम शुरू हो चुका है। इस कार्य के लिए करीब 1,078 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत रखी गई है।
इस काम के लिए टेंडर फाइनल करते समय पिछले माह विभाग ने दावा किया था कि इस कार्य को पांच माह में पूरा कर लिया जाएगा। ये निर्माण कंक्रीट की जगह स्टील के फ्रेम में तैयार किए जाएंगे, मगर यह कार्य भी इस समय बंद है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा मेट्रो, रेलवे की परियोजनाओं के साथ साथ सेंट्रल विस्ट्रा के कार्य को भी राष्ट्रीय महत्व की बात कह कर अनुमति दी है। ऐसे में प्रगति मैदान सुरंग सड़क भी सीधे तौर पर राष्ट्र हित की परियोजना है। वहीं, कोरोना मरीजों के लिए तैयार किए जा रहे 6,834 आइसीयू बेड भी राष्ट्र हित वाली किसी अन्य परियोजना से कम महत्व के नहीं हैं।