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वायु प्रदूषण के खिलाफ जंग में दिल्ली सरकार ने झोंकी अपनी पूरी ताकत

पर्यावरण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की टीमों ने इस दौरान ऐसी 108 औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया जो पीएनजी पर चल रही हैं। इनमें से 0.2 प्रतिशत पर जुर्माना किया गया।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 11:01 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 11:01 AM (IST)
वायु प्रदूषण के खिलाफ जंग में दिल्ली सरकार ने झोंकी अपनी पूरी ताकत

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रदूषण से जंग में हवा को साफ रखने के लिए दिल्ली सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए न सिर्फ बड़ी संख्या में इंफोर्समेंट टीमें उतार दी गईं हैं बल्कि 17 से 20 नवंबर के दौरान हजारों की संख्या में निरीक्षण भी किए गए। इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नोटिस जारी करने और उन पर जुर्माना ठोकने की कार्रवाई भी बड़े पैमाने पर की गई।

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पर्यावरण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की टीमों ने इस दौरान ऐसी 108 औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया जो पीएनजी पर चल रही हैं। इनमें से 0.2 प्रतिशत पर जुर्माना किया गया। प्रतिबंधित ईंधन का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा, यह जांचने के लिए 25 इकाइयों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 10 पर जुर्माना किया गया और चार को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया।

बेवजह दिल्ली आने वाले ट्रकों का प्रवेश रोकने के लिए परिवहन विभाग की टीमों ने 3,528 ट्रकों की जांच की। 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल चालित 9,171 वाहनों की जांच में 56 पर जुर्माना किया गया जबकि 112 वाहनों को जब्त कर लिया गया। इसी तरह से प्रदूषण प्रमाण पत्र होने या न होने की श्रेणी में 72,191 वाहनों की जांच की गई जिनमें से 1,690 पर जुर्माना किया गया और 2,146 वाहनों को जब्त कर लिया गया।

धूल प्रदूषण रोकने के लिए 3089 टीमें उतारी गई थीं। 441 साइटों का निरीक्षण किया गया। 439 साइटों के खिलाफ नोटिस जारी करने और चालान काटने की कार्रवाई की गई। 92.2 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया। मैकेनाइज्ड सफाई के लिए 153 मशीनें सड़कों पर लगाई गईं। इन्होंने 6605 किमी क्षेत्र साफ किया। 60 एंटी स्माग गन तैनात की गईं।

धूल न उड़े, इस निमित्त पानी का छिड़काव करने के लिए 1,095 टैंकर और वाटर स्पि्रंकलर उतारे सड़कों पर लगाए गए। इन्होंने 6212.19 किमी क्षेत्र कवर किया। डीजल जनरेटरों पर रोक सुनिश्चित करने के लिए 341 साइटों का निाका निरीक्षण किया गया। इनमें तीन साइटों पर नियमों का उल्लंघन पाया गया और 0.2 प्रतिशत पर जुर्माना लगाया गया।


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