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डेंगू, चिकनगुनिया के इलाज के लिए 500 बेड आरक्षित, स्कूलों को जारी नहीं किए गए निर्देश

डेंगू व चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ने पर हर साल स्कूलों को अलर्ट किया जाता है। इस बार अब तक ऐसा नहीं किया गया है।

By Edited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 07:01 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 07:31 PM (IST)
डेंगू, चिकनगुनिया के इलाज के लिए 500 बेड आरक्षित, स्कूलों को जारी नहीं किए गए निर्देश

नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। डेंगू से इस साल पहली मौत का मामला सामने आने के बावजूद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय के अधिकारी व डॉक्टर कहते हैं कि इस साल मच्छर जनित बीमारियों का संक्रमण कम है। खासतौर पर डेंगू का संक्रमण इस बार पिछले चार सालों में सबसे कम है। पिछले साल के मुकाबले डेंगू व चिकनगुनिया के मामले आधे से भी कम देखे जा रहे हैं।

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जरूरत के मुताबिक आरक्षित किए गए बेड 

नगर निगम के आंकड़े इस तरफ ही इशारा कर रहे हैं। इसलिए डेंगू व चिकनगुनिया के इलाज के लिए इस बार पिछले साल के मुकाबले कम (35 अस्पतालों में 500 बेड) आरक्षित किए गए हैं। महानिदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक व राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. एसएम रहेजा ने कहा कि इस बार डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया का संक्रमण बहुत कम है। इसलिए अस्पतालों में इलाज के लिए बेड भी जरूरत के मुताबिक ही आरक्षित किए गए हैं।

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जरूरत पड़ने पर बेड बढ़ाए जा सकते हैं

35 सरकारी अस्पतालों में डेंगू व चिकनगुनिया के इलाज व जांच की सुविधा है। उन अस्पतालों में 500 बेड आरक्षित किए गए हैं। पिछले साल एक हजार बेड आरक्षित किए गए थे। उन्होंने कहा कि बेवजह बेड आरक्षित करने से दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज व सर्जरी प्रभावित होती है। इसलिए सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में इलाज व जांच की सुविधा की गई है। सभी अस्पतालों में जांच किट व दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जरूरत पड़ने पर बेड बढ़ाए भी जा सकते हैं। हालांकि, मजेदार बात यह है कि महानिदेशालय ने निजी अस्पतालों को डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के इलाज के लिए 10-20 फीसद अतिरिक्त बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

स्कूलों में नहीं जारी किया गया अलर्ट

डेंगू व चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ने पर हर साल स्कूलों को अलर्ट किया जाता है और छात्रों को पूरे बाजू के कपड़े पहनकर स्कूल जाने का निर्देश दिया जाता है। इस बार अब तक ऐसा नहीं किया गया है। पिछले सालों के मुकाबले इस बार इन बीमारियों के मामले भले कम आए हैं पर पिछले कुछ समय से अस्पतालों में डेंगू व चिकनगुनिया के मामले बढ़े हैं। खासतौर पर डेंगू से एक मरीज की मौत का मामला सामने आने के बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि स्कूलों को निर्देश जारी करने में देरी क्यों की जा रही है, क्या सरकारी महकमे छात्रों के डेंगू व चिकनगुनिया से पीड़ित होने का इंतजार कर रहे हैं। 

वर्ष मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया

2016 119 81 432

2017 193 251 174

2018 128 64 41

नोट: वर्ष 2016 में चिकनगुनिया के मामले 31 अगस्त तक के हैं।


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