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Delhi Government News: दिल्ली सरकार शिक्षा को बना रही जन आंदोलन

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली सरकार शिक्षा को जन आंदोलन बनाना चाहती है। उपमुख्यमंत्री ने ये बातें यूथ फार एजुकेशन प्रोग्राम के तहत एजुकेशन मेंटरिंग प्रोग्राम को लांच कर रहे थे। ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराकर उन्हें शिक्षित और काबिल बनाने का सपना देख रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 12:54 PM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 12:54 PM (IST)
Delhi Government News: दिल्ली सरकार शिक्षा को बना रही जन आंदोलन
छात्रओं को संबोधित करते मनीष सिसोदिया’ सौ-आइजीडीटीयूडब्ल्यू

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली सरकार शिक्षा को जन आंदोलन बनाना चाहती है। विशेषकर इसमें छात्रों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराकर उन्हें शिक्षित और काबिल बनाने का सपना देख रही है। उपमुख्यमंत्री ने ये बातें शनिवार को कहीं। वह यूथ फार एजुकेशन प्रोग्राम के तहत एजुकेशन मेंटरिंग प्रोग्राम को लांच कर रहे थे।

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इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय (आइजीडीटीयूडब्ल्यू) में आयोजित कार्यक्रम में सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में हैं। इसके तहत आइजीडीटीयूडब्ल्यू की बीटेक, एमटेक, पीएचडी और एमबीए की दो सौ छात्रएं दिल्ली के सरकारी स्कूलों की 9वीं से 12वीं तक की छात्रओं का मार्गदर्शन करेंगी। इसमें विज्ञान विश्वविद्यालय की एक छात्र द्वारा पांच स्कूली छात्रओं को विज्ञान, तकनीकी शिक्षा, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) को लेकर जागरूक किया जाएगा।

इससे छात्रओं में इन विषयों को लेकर रुचि जागृत हो। कार्यक्रम का मकसद दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्रओं को इनसे जुड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में छात्रओं की भागीदारी बढ़ना मुख्यमंत्री का सपना है। सिसोदिया ने कहा कि 21वीं सदी में पूरा विश्व अब ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बन रहा है। इसलिए अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए शोध और नवाचार की एक अहम भूमिका है। इसलिए दिल्ली सरकार नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित कर रही है। इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर है।

भारत सहित पूरे दक्षिण एशिया में शोध और नवाचार के क्षेत्र में सिर्फ 33 फीसद महिलाएं हिस्सा ले रही हैं। देशभर के स्कूलों में हर साल प्री-प्राइमरी और प्राइमरी स्तर पर 21 लाख बच्चों का दाखिला होता है। इसमें से 10 हजार लड़कियां ही उच्च शिक्षा में अपने अध्ययन विषयों में स्टेम को चुनती हैं। दिल्ली में इस अंतर को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है।


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