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दिल्ली सरकार ने की मोबाइल म्यूजिक बस की शुरुआत, देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मोबाइल म्यूजिक कक्षारूम और रिकार्डिंग स्टूडियो के रूप में मोबाइल म्यूजिक बस की शुरुआत की। दिल्ली सरकार का दावा है कि इस तरह का देश का पहला प्रयोग है।सिसोदिया ने कहा कि बच्चों को संगीत सीखने के लिए अब बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 07:47 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 07:47 PM (IST)
दिल्ली सरकार ने की मोबाइल म्यूजिक बस की शुरुआत, देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग
इसमें म्यूजिक कक्षारूम व और रिकार्डिंग स्टूडियो की होगी व्यवस्था

नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संगीत के प्रति कला को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने म्यूजिक बस की शुरुआत की है। इसके तहत बच्चों को म्यूजिक सीखने के लिए किसी सेंटर में नहीं जाना होगा बल्कि ये बस दिल्ली सरकार के स्कूलों तक पहुंचेगी। शनिवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मोबाइल म्यूजिक कक्षारूम और रिकार्डिंग स्टूडियो के रूप में मोबाइल म्यूजिक बस की शुरुआत की। दिल्ली सरकार का दावा है कि इस तरह का देश का पहला प्रयोग है।

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म्यूजिक बस समाज के बच्चों तक जाकर संगीत के प्रति हुनर को खोजेगी

इस अवसर पर सिसोदिया ने कहा कि बच्चों को संगीत सीखने के लिए अब बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि म्यूजिक बस स्वयं उनके पास पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि म्यूजिक बस समाज के बच्चों तक जाकर संगीत के प्रति उनके हुनर को भी खोजेगी व उसकी बुनियाद रखेगी। उसके बाद उन बच्चों के हुनर को आगे बढ़ाने का काम स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में किया जाएगा, ताकि बच्चे अपने हुनर से सफलता की उंचाइयों तक पहुंच सकें।

मिलेगी स्पेशलाइज्ड शिक्षा

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हर परिवार ये चाहता है कि उनके बच्चे में कोई कला हो, लेकिन जब बच्चा उस कला को अपना हुनर बनाना चाहता है तो उसे नसीहत मिलती है कि पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दो। बच्चों के इसी हुनर को पूरा करने के लिए सरकार ने स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एक्सलेंस की शुरुआत की है, ताकि छोटी उम्र से ही वे अपने हुनर पर ध्यान दे सकें। स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का परफोर्मिंग एंड विजुअल आ‌र्ट्स डोमेन ये सुनिश्चित करेगा और संदेश देगा कि कलाकारों की आर्ट ही उनकी पढ़ाई है। अब तक केवल साइंस को ही स्पेशलाइज्ड एजुकेशन का विषय माना जाता था लेकिन स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एजुकेशन इस धारणा को बदलेगी। जहां बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में स्पेशलाइज्ड शिक्षा दी जाएगी।

5000 बच्चों तक पहुंचेगी मोबाइल म्यूजिक बस

सिसोदिया ने कहा कि हम बच्चों के टैलेंट को निखार कर देश व समाज के सामने नहीं ला पा रहे है तो ये कमी बच्चों की नहीं बल्कि सिस्टम की है। स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एजुकेशन इस कमी को दूर करने काम करेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजक्ट के तहत एक बस को चलते फिरते म्यूजिक कक्षा, एक उच्च गुणवत्ता वाला म्यूजिक रिकार्डिंग स्टूडियो और परफोर्मिंग स्टेज में तब्दील किया गया है। ये मोबाइल म्यूजिक बस दिल्ली में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निम्न आय वर्ग के 5000 बच्चों तक पहुंचेगी और इन बच्चों को प्रशिक्षित कर नियमित रूप से वर्कशाप व अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। जिससे बच्चों को म्यूजिक के जरिए सीखने में मदद मिलेगी।


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