हिंसा पीड़ितों के लिए बढ़ा मुआवजे का दायरा, अब प्रत्येक मंजिल के मालिक को मिलेगी राशि
Delhi government increased compensation मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नियमों में बदलाव किया गया है।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। सांप्रदायिक हिंसा में क्षतिग्रस्त घरों को मुआवजा उचित जांच के आधार पर दिया जाएगा। अभी तक यह एक घर के आधार पर दिया जा रहा था जबकि पता चला है कि उक्त मकान में कई लोग रहते हैं, जिससे पीड़ितों को उचित सहायता नहीं मिल पा रही थी। पीड़ितों की इसी समस्या को देखते हुए बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नियमों में बदलाव किया गया है। इससे पहले सरकार की तरफ से कुल क्षति होने के मामले में पांच लाख रुपए का मुआवजा प्रदान किया जा रहा था, जिसमें मकान मालिक को 4 लाख रुपए और किराएदार को 1 लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा था।
क्यों बदल गया नियम
मुआवजा वितरण के दौरान यह पाया गया कि एक ही इमारत में कई मालिक और कई किरायेदार रहते थे। इसलिए दिल्ली सरकार ने अब प्रत्येक मंजिल को एक अलग आवासीय इकाई के रूप में मानने का फैसला किया है। कैबिनेट के फैसले के अनुसार, आवासीय संपत्ति के घरेलू नुकसान के लिए प्रत्येक मंजिल के मालिक को 4 लाख और उस तल पर रहने वाले किराएदार को 1 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
क्षति मामले में भी बढ़ा मुआवजा
ठीक इसी तरह, पर्याप्त क्षति के मामले में, पहले 2.5 लाख रुपए मालिक को और किराएदार को 50 हजार रुपए का मुआवजा प्रदान किया जा रहा था। अब मुआवजा प्रत्येक मंजिल के मालिक को नुकसान के लिए 2 लाख रुपए और घरेलू वस्तुओं के नुकसान के लिए 50 हजार रुपए उस मंजिल के रहने वाले के बीच विभाजित किए जाएंगे।
ऐसे भी मामले आ रहे सामने
मंत्रिमंडल ने आवासीय इकाइयों को मामूली क्षति के लिए निर्धारित मुआवजा राशि 15 हजार से बढ़ा कर 25 हजार करने का भी फैसला किया। घरेलू सामानों के नुकसान के लिए प्रत्येक मंजिल के लिए 25 हजार रुपए भी तत्काल जारी किए जाएंगे और उन्हें रहने वालों/किरायेदारों के बीच बांटा जाएगा। इसके अलावा एसडीएम द्वारा क्षेत्र में दौरे के दौरान कुछ अवलोकन किए गए थे, जिसमें आवासीय इकाइयों में आग नहीं लगाई गई थी, लेकिन उपद्रवियों ने उसमें लूटपाट की थी। बिना किसी बीमा वाले वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में चोरी और बर्बरता के कई उदाहरण भी सामने आए थे, जिसमें आग नहीं लगी थी या संपत्ति को गंभीर नुकसान नहीं हुआ था।
लूटपाट और चोरी पर 50 हजार तक सहायता राशि
दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि आवासीय इकाइयों में पूर्ण चोरी, लूटपाट और बर्बरता के मामलों के लिए एक लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। आंशिक लूटपाट और चोरी के लिए 50 हजार रुपए प्रदान किया जाएगा। 28 फरवरी 2020 को पारित कैबिनेट के फैसले को बदलते हुए बिना किसी इंश्योरेंस वाली वाणिज्यिक संपत्ति में लूट व चोरी को भी नुकसान की श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया गया। हालांकि, ऐसे सभी मामलों में एफआईआर की एक प्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
अब ई-स्कूटी के नुकसान पर 50 हजार का मुआवजा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले ई-रिक्शा के नुकसान के लिए 50 हजार रुपए मुआवजे देने की घोषणा की थी। कैबिनेट ने अब ई-स्कूटी के नुकसान पर भी सामान मुआवजा राशि प्रदान करने का निर्णय लिया है।
1000 छात्रों वाले स्कूलों को 10 लाख तक मुआवजा
दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों के लिए मुआवजा प्रदान करने के लिए एक और प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। 1000 छात्रों तक नामांकन वाले स्कूलों के लिए 5 लाख रुपए का मुआवजा और 1000 से अधिक छात्रों के नामांकन वाले स्कूलों के लिए 10 लाख की स्वीकृति दी गई।