Move to Jagran APP

क्या सूची से कटे हैं दिल्ली के 10 लाख मतदाताओं के नाम? हो सकती है मामले की CBI जांच

विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान चर्चा करते हुए चुनाव मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने दिल्ली के 10 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से कटवा दिए।

By Edited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 11:02 AM (IST)
क्या सूची से कटे हैं दिल्ली के 10 लाख मतदाताओं के नाम? हो सकती है मामले की CBI जांच
क्या सूची से कटे हैं दिल्ली के 10 लाख मतदाताओं के नाम? हो सकती है मामले की CBI जांच

नई दिल्ली, जेएनएन। मतदाता सूची से लोगों के नाम काटने के मामले को दिल्ली सरकार केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सौंप सकती है। विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सदन में संकल्प प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए चुनाव मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने दिल्ली के 10 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से कटवा दिए। चुनाव आयोग ने कोई जांच नहीं की।

loksabha election banner

दिल्ली सरकार इस मामले की जांच कराएगी। जरूरत हुई तो मामले को सीबीआइ को भी सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने बिना जांच किए जेजे क्लस्टर सहित अन्य गरीब लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे हैं, इसकी गंभीरता से जांच होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक सौरभ भारद्वाज ने संकल्प प्रस्ताव रखा, जिसमें कहा गया कि एक राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए।

दिल्ली सरकार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से इस संबंध में चर्चा भी की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जिन लोगों के नाम काटे गए हैं, उनकी सूची चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की जानी चाहिए। उसकी कॉपी राजनीतिक पार्टी को भी उपलब्ध होनी चाहिए।

सीईओ को तुरंत राजनीतिक पार्टी के सदस्यों के साथ घर-घर जाकर कैंपेन शुरू करना चाहिए। इस दौरान वीडियोग्राफी भी की जानी चाहिए। यह पूरा कार्य लोकसभा चुनाव से पहले तीन माह में पूरा हो जाना चाहिए। जाच के दौरान जो दोषी पाया जाए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। सही मतदाता के नाम को फिर से सूची में शामिल किए जाएं। सदन में चर्चा के बाद उक्त संकल्प प्रस्ताव पास कर दिया गया।

छिपाए जा रहे हैं तथ्य
विजेंद्र गुप्ता संकल्प पर चर्चा करते हुए नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस मामले में तथ्य छिपाए जा रहे हैं। सदन में भाजपा को बदनाम करने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से 2018 के दौरान 3 लाख 5 हजार 277 नाम मतदाता सूची में जोड़े गए। आयोग ने इस अवधि में 10 लाख 68हजार 23 नाम काटे और 13 लाख 73 हजार 300 नाम जोड़े। यह सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय में 31 अगस्त को एक बैठक हुई थी, जिसमें मतदाता सूची को 1 जनवरी 2019 तक पूरी तरह अपडेट करने के उपायों पर चर्चा की गई थी। इसमें आप नेता दिलीप पांडेय तथा पंकज गुप्ता ने भी भाग लिया, लेकिन उन्होंने नामों के काटे जाने को लेकर कोई विरोध नहीं जताया था। 

विपक्ष के नेता को कैसे मिली मतदाता सूची की जानकारी, होगी जांच
इमरान विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान चुनाव व पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि इस बात की जांच कराई जाएगी कि विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के पास मतदाता सूची से हटाए गए व जोड़े गए नामों की सूची आखिर कैसे पहुंची? मामले में जो भी नेता, अधिकारी व बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) संलिप्त मिलेंगे, उन पर कार्रवाई होगी।

इमरान हुसैन ने कहा कि आम आदमी पार्टी के दक्षिणी दिल्ली से विधायक सही राम पहलवान ने कुछ दिनों पहले उनसे शिकायत की थी कि उनके इलाके में कई लोगों के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं। कई जीवित लोगों को मृत बता दिया गया है। उनके परिवार के लोगों के नाम भी मतदाता सूची से काटे गए हैं।

सही राम पहलवान के क्षेत्र के चुनाव अधिकारी व डीएम और एसडीएम से बात की और मतदाता सूची मांगी, ताकि नामों के बारे में सही जानकारी मिल सके, लेकिन अधिकारियों ने सूची को देने से मना कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि हम आप को काटे गए नामों की सूची नहीं दे सकते हैं।

उन्होंने कई बार आग्रह किया, लेकिन सूची नहीं मिली तो फिर विपक्ष के नेता कैसे दावा कर रहे हैं कि उनके पास काटे गए नामों वाली मतदाता सूची है। मंत्री ने इस सूची की सत्यता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष के नेता दावा कर रहे हैं तो इसकी जाच कराई जाएगी।

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि बार-बार कहने पर विजेंद्र गुप्ता ने काटे गए नामों वाली मतदाता सूची के कुछ पेपर सदन में रखे हैं। सूची में कितनी सत्यता है, इसकी जांच कराई जाएगी। किन लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे गए हैं, यह जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नहीं है, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। यह जानकारी वेबसाइट पर होनी चाहिए। गोयल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया गया है। वह व्यक्ति सेना के पूर्व कर्मचारी हैं।

आधे घंटे की देरी से शुरू हुआ सत्र
विधानसभा अध्यक्ष व विधायकों की देरी से आने के कारण मंगलवार को विधानसभा का सत्र करीब आधे घंटे की देरी से शुरू हुआ।

यह भी पढ़ेंः अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर संसद में रामध्वज थामेंगे मनोज तिवारी, किया बड़ा एलान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.