पुलिस ने किया जुआ रैकेट का पर्दाफाश, 100 गिरफ्तार, करोड़ों के टोकन बरामद
पुलिस ने राजौरी गार्डन स्थित विशाल एनक्लेव में छापेमारी कर जुआ रैकेट का पर्दाफाश किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पुलिस ने जुआ खेलने से जुड़े एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सौ लोगों को गिरफ्तार किया है। विशाल एंक्लेव स्थित जिस मकान में जुआ खेला जा रहा था, वहां से राजौरी गार्डन थाना व पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कार्यालय की दूरी सौ मीटर से भी कम है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह काला धंधा सोमवार रात से ही शुरू हुआ था, जबकि आसपास रहने वाले लोग पुलिस की दलील को सही नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि यहां संगठित तरीके से कई दिनों से यह काला धंधा चल रहा था।
आरोपियों के पास से जुए में लगाए गए करीब 21. 58 लाख रुपये, एक करोड़ 83 लाख मूल्य के 7434 टोकन, तीन वॉकी- टॉकी, पांच हुक्का, विदेश से मंगाई गई महंगी शराब की 27 बोतलें, ताश की कई गड्डियां बरामद हुई हैं। राजौरी गार्डन थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
बनाई गई पुलिस टीम
डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि पांच नवंबर की रात को राजौरी गार्डन थाने में सूचना मिली थी कि विशाल एंक्लेव स्थित एक मकान के बेसमेंट में जुआ खेला जा रहा है। एसएचओ इंस्पेक्टर सुनील शर्मा के नेतृत्व में और एसीपी केएसएन सुबुद्धि की देखरेख में एक टीम बनाई गई।
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से आए थे आरोपी
टीम ने बेसमेंट में छापा मारकर सौ लोगों को दबोचा। इनमें वह शख्स भी शामिल है, जिसकी देखरेख में जुआ खेला जा रहा था। उसकी पहचान आजादपुर निवासी विजेंदर कुमार के रूप में हुई। पुलिस के अनुसार इसे कैसिनो का रूप दिया गया था। जुए में उसी टोकन का इस्तेमाल होता था, जो कैसिनो में इस्तेमाल किए जाते हैं। जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से यहां आए थे।
मिनी ट्रक में भरकर ले जाए गए आरोपी
कार्रवाई के दौरान जब आरोपियों को थाने में ले जाने की बारी आई तो पुलिस को मिनी ट्रक बुलाना पड़ा। आरोपियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ढक लिया था। कई आरोपियों को चेहरा ढकने के लिए पुलिस ने नकाब दिया। आरोपियों को थाने तक ले जाने में मिनी ट्रक से तीन फेरे लगाने पड़े।
रिश्तेदारों की लगी भीड़
जैसे ही जुए में शामिल लोगों को पुलिस की छापेमारी की जानकारी मिली तो उन्होंने यह बात अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को बता दी, ताकि वे पुलिस की पकड़ से उन्हें बाहर निकालने में जुट जाएं। जिन आरोपियों के रिश्तेदार आसपास रहते थे, वे कार्रवाई वाली जगह के पास पहुंचे। जब पुलिसकर्मियों व मीडियाकर्मियों ने उनसे आरोपियों के बारे में कुछ बताने को कहा तो वे शर्म से चेहरा छिपाने लगे।