Move to Jagran APP

Delhi NCR Earthquake News: 70 दिन के भीतर 16वीं बार हिली दिल्ली-NCR की धरती, पढ़िए- एक्सपर्ट की राय

Delhi NCR Earthquake News दिल्ली-एनसीआर में 12 अप्रैल को 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद से 70 दिन के भीतर 16 भूकंप आए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 09:47 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 10:07 AM (IST)
Delhi NCR Earthquake News: 70 दिन के भीतर 16वीं बार हिली दिल्ली-NCR की धरती, पढ़िए- एक्सपर्ट की राय
Delhi NCR Earthquake News: 70 दिन के भीतर 16वीं बार हिली दिल्ली-NCR की धरती, पढ़िए- एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi NCR Earthquake News: 70 दिन भीतर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) की धरती शुक्रवार सुबह 16 वीं बार हिली। दिल्ली से सटे हरियाणा के रोहतक जिले में शुक्रवार सुबह 5 बजकर 37 मिनट और 40 सेकेंड पर भकूंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (national centre for seismology) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.1 मापी गई है। तीव्रता कम होे के चलते ज्यादातर लोगों को भूकंप के झटके महसूस ही नहीं हुए।  इससे पहले बृहस्‍पतिवार को भी हरियामा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रोहतक सहित राज्‍य के अधिकतर हिस्‍से में शुक्रवार सुबह लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए। इससे घबराकर लोग घरों से बाहर आ गए।

loksabha election banner

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में 12 अप्रैल को 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद से 70 दिन के भीतर अबतक अलग-अलग दिन में 16 बार भूकंप झटके लग चुके हैं। आइये जानते हैं लगातार आ रहे भूकंप के झटकों पर एक्सपर्ट क्या कहते हैं।

इंडियन इं‍स्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (IIT) के अलग-अलग एक्‍सपर्ट्स की मानें लगातार छोटे-छोटे भूकंप आना बड़े भूकंप का भी संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हल्‍के झटकों को चेतावनी की तरह देखा जाना चाहिए। लगातार आ रहे भूकंप को लेकर IIT धनबाद के डिपार्टमेंट्स ऑफ अप्‍लाइड जियोफिजिक्‍स और सीस्‍मोलॉजी के एक्सपर्ट का कहना है कि दिल्‍ली और एनसीआर में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। वहीं, IIT कानपुर के विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली-हरिद्वार रिज में खिंचाव के कारण आए दिन धरती हिल रही है। इस वजह से झटकों का दौर जारी रहेगा।

क्या खतरे में है दिल्ली-एनसीआर

भूकंप के लिहाज से दिल्ली-एनसीार इन्‍टेंसिटी जोन-4 में आता है। ऐसे में यहां पर तेज गति का भूकंप आया तो बड़ी जानमाल की हानि का खतरा है।  भूवैज्ञानिकों के मुताबिक,  भूकंप के लिहाज से दिल्‍ली के साथ यूपी-हरियाणा से सटे जिले में भी बेहद संवेदनशील है। दिल्ली और इसके आसपास के इलाके को जोन-4 में रखा है। यहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। ऐसे में बड़ा नुकसान हो सकता है।

उधर, डॉ. विनीत के. गहलोत (मुख्य वैज्ञानिक, एनजीआरआइ) की मानें तो दिल्ली एनसीआर में आ रहे भूकंपों को लेकर अध्ययन चल रहा है। उन्होंनें बताया कि भूजल का गिरता स्तर भी एक वजह सामने आ रही है। अन्य कारण भी तलाशे जा रहे हैं।

दिल्ली में भूकंप के झटकों से इमारतों को सुरक्षित रखने के संबंध में बनाई गई योजना को लागू करने में असफल होने पर बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को खूब लताड़ लगाई।

मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने दिल्ली सरकार व नगर निगम द्वारा दाखिल किए गए जवाब पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि भूकंप से शहर को सुरक्षित रखने को लेकर उठाए गए कदम या प्रस्ताव सिर्फ कागजी शेर हैं। याचिकाकर्ता अर्पित भारद्वाज ने बताया कि पीठ ने टिप्पणी की कि ऐसा दिखाई नहीं देता कि एजेंसियों ने भूकंप के संबंध में अदालत द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश का अनुपालन किया है। उन्होंने बताया कि पीठ ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार व नगर पालिकाओं को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में ऐसी 25 इमारतों की सूची पेश करें जहां भूकंप संबंधी कार्ययोजना का लागू किया गया हो। पीठ ने उक्त निर्देशों के साथ सुनवाई 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।

उन्होंने यह भी बताया कि कागज पर निश्चित तौर पर बेहतर दिशा-निर्देश और अधिसूचना बनाई गई है, लेकिन जमीन पर ये लागू होती दिखाई नहीं देती। पिछली तारीख पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार व सभी निकायों से भूकंप से निपटने के उनके इंतजाम और तैयारियों की जानकारी मांगी थी। अधिवक्ता अर्पित भारद्वाज एवं डीके शर्मा द्वारा दाखिल किए गए आवेदन पर पीठ ने इसके साथ कार्ययोजना को लागू करने के संबंध में जानकारी मांगी थी।

पीठ ने प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर उनकी कोई कार्ययोजना है तो वह इसके संबंध में आम जनमानस को बताएं ताकि वे इस गंभीर समस्या के लिए खुद को तैयार कर सकें। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि हाई कोर्ट के कई निर्देश के बावजूद भी दिल्ली सरकार ने अब तक भूकंप से निपटने के लिए कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की है।

उन्होंने याचिका के माध्यम से भूकंप की तैयारियों को लेकर बनाई गई योजना को अदालत में तय समयसीमा अंदर पेश करने का निर्देश देने की मांग की। याचिकाकर्ता ने वर्ष 2015 में इस संबंध में मुख्य याचिका दायर कर कहा था कि दिल्ली की इमारतें भूकंप के हिसाब से ठीक नहीं हैं और तीव्र गति वाला भूकंप आने पर दिल्ली में बड़ी येख्या में लोगों की जान जा सकती है। यह याचिका अब भी हाई कोर्ट में लंबित है और अदालत समय-समय पर दिल्ली सरकार व नगर निकायों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश देती रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.