Delhi Crime: कई बैंक से 20 करोड़ ठगने वाला दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा, कैब ड्राइवर बनकर दे रहा था धोखा
दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने जालसाजी मामलों में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कई बैंकों को ठगा है।उस पर प्रापर्टी के कागजों में हेराफेरी करके कई बैंकों को 20 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता: दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने जालसाजी मामलों में वांछित एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने दिल्ली के मुबारकपुर डबास इलाके के सेक्टर 20 के निवासी गिरीश दत्त गज्जा को अमन विहार से अरेस्ट किया है। आरोपी पर प्रापर्टी के कागजों में हेराफेरी करके कई बैंकों को 20 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।
अपने साथियों के साथ मिलकर की थी ठगी
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कई बैंकों को ठगा है। आरोपियों ने पंजाब नेशनल बैंक से 3 करोड़ रुपये का व्यावसायिक ऋण प्राप्त किया। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से 02 करोड़, पंजाब एंड सिंध बैंक से 2.6 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया से 2.5 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 1.39 करोड़ रु का लोन लिया।
कई बैंकों को बनाया निशाना
आरोपियों ने पंजाब नेशनल बैंक से 50 लाख रुपये बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 1.35 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ नैनीताल से 90 लाख रुपये, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से 45 लाख रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 1.35 करोड़ रु. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से पुनः 45 लाख रुपये, आजादपुर में पंजाब एंड सिंध बैंक से 1 करोड़ रुपये, आसफ अली रोड स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक से 60 लाख रुपये, जोरबाग में पंजाब नेशनल से 55 लाख रुपये, एचबीएन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 50 लाख रुपये, एचबीएन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 9 लाख और एचबीएन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 9 लाख रुपये लिए। ये कर्ज उन्होंने अपने साथियों की मदद से तैयार किए गए जाली दस्तावेजों के आधार पर लिए थे।
गिरफ्तारी से बचने के लिए बदलता रहा ठिकाना
आरोपी को उपरोक्त मामलों में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे अदालत ने जमानत दे दी थी। मुकदमे के दौरान, उसने अदालत में पेश होना बंद कर दिया और वह अदालती कार्यवाही से बच रहा था। आरोपी ने अपनी पहचान बदल ली थी। उसने दाढ़ी बढ़ाई और अपना नाम बदलकर नरेंद्र रख लिया और अपनी आपराधिक गतिविधियों को छिपाने के लिए वह ओला कैब चला रहा था। वह जानबूझकर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपना पता और ठिकाना बदल रहा था।