फर्जी डिग्री विवादः स्मृति ईरानी को समन भेजा जाए या नहीं, आज होगा फैसला
ईरानी द्वारा पिछले दो चुनावों के शपथ पत्र में दी गई जानकारी ही आपस में मेल नहीं खा रही है। इनमें से एक शपथ पत्र में स्मृति ने खुद को बीकॉम बताया है तो दूसरे में बीए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट आज इस बात पर निर्णय करेगी क्या केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को तलब किया जाए। अदालत में उनके खिलाफ उस शिकायत पर सुनवाई हो रही है, जिसमें उनके द्वारा चुनाव आयोग में हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योजना के बारे में कथित रूप से गलत सूचना देने का आरोप है।
पिछली सुनवाई के दौरान मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह को इस मुद्दे पर अपना आदेश सुनाना था, लेकिन उन्होंने यह कहकर इसे टाल दिया कि आदेश तैयार नहीं है।आज अदालत यह तय करेगी कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को समन भेजा जाए या नहीं। इस केस में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कोर्ट में बुलाने की मांग की गई है।
शिकायतकर्ता एवं स्वतंत्र लेखक अहमर खान ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि स्मृति ईरानी ने 2004, 2011 एवं 2014 में चुनाव आयोग के समक्ष जो हलफनामे दाखिल किए थे, उसमें अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर त्रुटिपूर्ण जानकारी दी। इतना ही नहीं इस बारे में चिंताएं जाहिर करने के बावजूद कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
अहमर खान का आरोप है कि स्मृति ने चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर जानबूझकर गुमराह करने वाली सूचना दी।
दरअसल, ईरानी द्वारा पिछले दो चुनावों के शपथ पत्र में दी गई जानकारी ही आपस में मेल नहीं खा रही है। इनमें से एक शपथ पत्र में स्मृति ने खुद को बीकॉम बताया है तो दूसरे में बीए।
वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में स्मृति चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ मैदान में उतरी थीं, तब उन्होंने नामांकन पत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यता बीए बताई थी और उनके मुताबिक ये डिग्री उन्होंने 1996 में पूरी की थी। जबकि 2014 के लोकसभा चुनावों में अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतरने समय शपथ पत्र में स्मृति ने अपनी एजुकेशन बीकॉम प्रथम वर्ष बताया है।
आरोप लगाया गया है कि स्मृति ईरानी की ओर से पेश हलफनामे की विषयवस्तु से स्पष्ट है कि उनकी ओर से शैक्षणिक योग्यता के बारे में केवल एक शपथ ही सही है।
शिकायत में दावा किया गया है कि स्मृति ईरानी के इस हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत और भिन्न-भिन्न बयान दिया गया।
खान ने अदालत से स्मृति के 10वीं और 12वीं परीक्षा के बारे में जानकारी लेने के लिए सीबीएसई को भी निर्देश देने की मांग की है, जिसे फिलहाल अदालत ने इस मामले से सीधा जुड़ा नहीं पाया।
गौरतलब है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री से जुड़े विवाद ने उस समय नया मोड़ ले लिया था। जब दिल्ली की एक अदालत ने चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय को नोटिस जारी कर क्रम से शपथ-पत्र और दाखिले के दस्तावेज पेश करने को कहा थी।