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Delhi Crime: पैसों के लिए मरीजाें की जिंदगी दांव पर लगा देता था डॉक्टर मनीष, अब सीबीआई कर रही चिकित्सक का इलाज

सफरदजंग अस्पताल में उपचार के नाम पर अवैध तरीके से पैसे ऐंठने के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष रावत पैसों के लिए मरीजों की जिंदगी दांव पर लगा देता था। (सांकेतिक तस्वीर)

By Rakesh Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaPublished: Fri, 31 Mar 2023 07:54 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 07:54 PM (IST)
Delhi Crime: पैसों के लिए मरीजाें की जिंदगी दांव पर लगा देता था डॉक्टर मनीष, अब सीबीआई कर रही चिकित्सक का इलाज
एक बार पैंसा मिल जाने के बाद वह मरीज को उसकी हालत पर छोड़ देता था।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सफरदजंग अस्पताल में उपचार के नाम पर अवैध तरीके से पैसे ऐंठने के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष रावत पैसों के लिए मरीजों की जिंदगी दांव पर लगा देता था। एक बार पैंसा मिल जाने के बाद वह मरीज को उसकी हालत पर छोड़ देता था।

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पारुल राघव की मां को ब्रेन ट्यूमर था। उनके किसी परिचित ने डॉ. रावत से सर्जरी कराने की सलाह दी। ऐसे में वह डॉ. रावत से मिले। डॉ. रावत ने 55 हजार रुपये लिए और नौ मार्च को उन्हाेंने मरीज की सर्जरी की, लेकिन सर्जरी के बाद मरीज कोमा में चली गईं। इसकी जानकारी डॉ. रावत ने पारुल को नहीं दी। पारुल का कहना है कि 12 मार्च को उनकी मां का निधन हो गया। डॉ. रावत को सिर्फ पैसों से मतलब है।

सीबीआई की जांच में पता चला है कि डॉ. रावत रिश्वत के पैसों को गणेश चंद्र के माध्यम से फर्जी कंपनियों के बैंक में जमा करवाता था। उसके बाद उसे अपने खाते में लेता था, ताकि इन पैसों को सफेद किया जा सके। इस मामले में सीबीआई में 29 मार्च को एफआइआर दर्ज की, लेकिन सीबीआई की टीम डॉ. रावत और उसके सहयोगियों की निगरानी करीब एक माह से कर रही थी। इस दौरान टीम को कई लोगों से अवैध पैसें लेने के साक्ष्य मिले। इसके बाद टीम ने आरोपितों को गिरफ्तार करा। फिलहाल सीबीआई गणेश चंद्रा की तलाश कर रही है।

एक माह तक सीबीआई ने की निगरानी

डॉ. रावत और उसके सहयोगियों की काल रिकॉर्ड विवरण से पता चला कि 10 मार्च को कल्याणपुरी की रहने वाली सिमरन कौर नाम की महिला ने संपर्क किया। उसने बताया कि उसके पति स्पाइनल सर्जरी की जरूरत है। आरोपितों ने कौर को बताया गया कि अगर वह बैंक खाते में 1.15 लाख रुपये जमा करा दें तो प्राथमिकता के आधार पर सर्जरी की जा सकती है। इसी तरह 14 मार्च को अवनीश पटेल ने मदन लाल और श्यामू नाम के मरीजों से 25,000 और 30,000 रुपये की रिश्वत प्राप्त की।

एक अन्य बिचौलिए मनीष शर्मा ने अपने सहयोगी कुलदीप के खाते में 30 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए यह पैसे सैयद अली नाम के मरीज के तिमारदार ने दी थी। सूत्रों ने बताया कि डॉ. रावत बरेली के अपने सहयोगी गणेश चंद्र के माध्यम से अपनी आय को सफेद करने के लिए फर्जी कंपनियों का उपयोग कर रहा था। 22 मार्च को चंद्रा ने डॉ. रावत को फोन किया और फर्जी कंपनियों के पंजीकरण के लिए शुल्क अवनीश के माध्यम से भेजने को कहा।

23 मार्च को पटेल ने फिर से चंद्रा को फोन किया और बताया कि जैसे ही कुछ मरीजों पैसे मिलेगे वह पैसे ट्रांसफर कर देंगे। इसके बाद अवनीश ने गौरी शंकर नाम के एक मरीज से 35,000 रुपये लिए और भारतीय स्टेट बैंक में चंद्रा के खाते में जमा कर दिए। चंद्रा ने बाद में अवनीश को भुगतान की पुष्टि की और शेष राशि जल्द से जल्द मांगी।

डॉ. रावत की पत्नी से भी पूछताछ करेगी सीबीआई

जांच में पता चला कि अवनीश ने डॉ. रावत और उनकी पत्नी के निर्देश पर तीसरे पक्ष को भी रिश्वत के पैसे भेजे हैं। जांच में पाया गया कि डॉ. रावत ने अवनीश से अपनी और अपनी पत्नी की केरल की छुट्टियों के लिए एक ट्रैवल एजेंट को एक लाख रुपये देने को कहा था। इसके साथ ही डॉ. रावत की पत्नी के निर्देश पर अवनीश ने 25 मार्च को एक साड़ी की दुकान को 19,000 रुपये का भुगतान किया। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले में आगे की जांच के लिए रावत की पत्नी से भी पूछताछ किया जाएगा।


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