राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Delhi Coronavirus: राजधानी में बिगड़ रहे हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में प्लांड सर्जरी दो-तीन महीने के लिए स्थगित करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही बैंक्वेट हाल को भी अस्पतालों से जोड़ा जा रहा है। इसमें कम संक्रमण वाले मरीजों को रखा जाएगा, जबकि अस्पताल में गंभीर मरीज ही रखे जाएंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली में कोविड घोषित किए गए 14 अस्पतालों के अलावा भी बहुत सारे अस्पताल हैं। यहां प्लांड (पूर्व निर्धारित) ऐसी कई सर्जरी होती हैं, जिन्हें दो से तीन महीने बाद किया जा सकता है।
कोरोना मरीजों पर ध्यान देना अभी ज्यादा जरूरी है। इसलिए सभी के लिए फिलहाल सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि वे अपने अस्पताल प्रबंधन को कितनी कड़ाई के साथ ठीक रख पाते हैं। अगर अस्पताल और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंधन को ठीक कर लिया तो दिल्ली इस चौथी लहर से बहुत अच्छे से पार पा लेगी।
सीएम ने कहा कि वह लाकडाउन नहीं लगाना चाहते हैं। इसलिए अस्पतालों के साथ बैंक्वेट हाल और होटल को जोड़ा जा रहा है। इससे अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ जाएगी। कोरोना के जो थोड़े से कम गंभीर मरीज होंगे, उन्हें बैंक्वेट हाल में शिफ्ट कर किया जाएगा। अस्पतालों में केवल गंभीर मरीज ही रखे जाएंगे। बैंक्वेट हाल में आक्सीजन की भी व्यवस्था की जाएगी।
जिन मरीजों को बेड की जरूरत नहीं, उनसे बेड खाली करने का अनुरोध किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली के निजी और सरकारी अस्पतालों में वहां के डाक्टर जांच कर रहे हैं कि अगर वह मरीज घर में ठीक हो सकता है, तो उस मरीज से अनुरोध किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि अस्पताल के डाक्टर लगातार मरीजों को फोन करते रहेंगे। उन्हें आक्सीमीटर देकर घर भेजा जाएगा। अगर तबीयत फिर से गंभीर हुई, तो अस्पताल लाया जाएगा।
सीएम ने कहा कि कोरोना के केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में साढ़े 13 हजार केस आ चुके हैं। इस बार की लहर बहुत खतरनाक है और इसमें युवा और बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। युवाओं और बच्चों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। इसलिए सभी से अनुरोध है कि बेहद जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें।
प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आएं लोग
अब स्टाक में प्लाज्मा बहुत कम है और प्रतिदिन प्लाज्मा की बहुत ज्यादा मांग आ रही है। सीएम ने अपील की कि जो लोग पिछले कुछ दिनों में बीमार हुए और ठीक हो गए हैं। वे लोग लोकनायक, राजीव गांधी या आइएलबीएस अस्पताल में जाकर प्लाज्मा दान कर दें, ताकि उनके प्लाज्मा से दूसरे लोगों की जान बचाई जा सके।