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Delhi Coronavirus News Update: मोबाइल फोन पर डॉक्टरी, वसूल रहे हजारों रुपये फीस

Delhi Coronavirus News Updateपैकेज के नाम पर 10 हजार रुपये फीस के अलावा सामानों के भी 10 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं जबकि बाजार में यही सामान 5 हजार से भी कम कीमत में हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 01:58 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 02:02 PM (IST)
Delhi Coronavirus News Update: मोबाइल फोन पर डॉक्टरी, वसूल रहे हजारों रुपये फीस
Delhi Coronavirus News Update: मोबाइल फोन पर डॉक्टरी, वसूल रहे हजारों रुपये फीस

नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। कोरोना संक्रमित मरीजों को घर में ही रहकर इलाज कराने की सरकार की ओर से दी गई छूट का सबसे ज्यादा फायदा प्राइवेट अस्पताल वाले उठा रहे हैं। होम आइसोलेशन वाले मरीजों को फोन पर ही चिकित्सीय सलाह देने के लिए अस्पताल हजारों रुपये वसूल रहे हैं। होम आइसोलेशन पैकेज के नाम पर अस्पतालों ने थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, हैंड सैनिटाइजर, साबुन व तौलिया आदि कीदुकान भी खोल रखी है। पैकेज के नाम पर 10 हजार रुपये फीस के अलावा इन सब सामानों के भी 10 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं, जबकि बाजार में यही सामान पांच हजार से भी कम कीमत में उपलब्ध हैं। यानि 15 दिन के पैकेज में 20 हजार रुपये। वैसे अस्पताल दावा करते हैं कि उनके डॉक्टर हर दूसरे दिन कॉल करके मरीज को परामर्श देंगे। कुछ दिन सरकारी डॉक्टरों के फोन का इंतजार करने के बाद आखिरकार पीडि़त को पैकेज लेना ही पड़ता है।

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आइसोलेशन सेंटर बनने से होटलों को मिला धंधा

कोरोना की सबसे ज्यादा मार होटलों पर पड़ी है। कोरोना के कारण हमेशा गुलजार रहने वाले फाइव स्टार होटल भी लंबे समय तक सन्नाटे में डूबे रहे। अब उसी कोरोना के कारण होटलों की कमाई फिर से चालू हो गई है। फर्क इतना है कि पहले लोग खुशी-खुशी होटलों में जाते थे, लेकिन अब मजबूरी में आ रहे हैं। दरअसल, राजधानी के कई होटलों को आजकल कोरोना मरीजों के लिए इलाज व आइसोलेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए इन्हें किसी न किसी अस्पताल से संबद्ध कर दिया गया है। इनमें आने पर संक्रमित व्यक्ति को कम से कम सात दिन तो रहना ही पड़ रहा है। ऐसे में अस्पताल के साथ ही होटल प्रबंधन की भी अच्छी कमाई हो रही है। लॉकडाउन की शुरूआत में जहां होटल वाले धंधा चौपट होने का रोना रो रहे थे, वही अब इससे जमकर कमाई कर रहे हैं।

हमारे बच्चे कैसे करें ऑनलाइन पढ़ाई

कोरोना संक्रमण के कारण सभी स्कूल बंद पड़े हैं। ऐसे में निजी स्कूलों के बच्चे ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई कर ले रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या निगम स्कूलों के उन हजारों बच्चों के सामने है जिनके घर में लैपटॉप तो दूर की बात, ढंग का स्मार्ट फोन भी नहीं है। इन बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की कोई व्यवस्था भी नहीं है। निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों की पढ़ाई अधर में है जिससे उन्हें उनके भविष्य को लेकर चिंता सता रही है। उनका कहना है कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पास तो सारी सुविधाएं होती हैं इसलिए उन्हें आजकल भी पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं हो रही है। लेकिन, उनके बच्चों की शिक्षा पर कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है। ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार व निगम को जल्द ही कोई कदम उठाने चाहिए।

शिक्षक बोले हमें क्यों नहीं कोरोना योद्धा

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, सफाइकर्मी, पुलिसकर्मी से लेकर शिक्षक तक जी-जान से जुटे हुए हैं। लॉकडाउन से लेकर अनलॉक तक राशन बांटने से लेकर जागरूकता अभियान तक में सबकी ड्यूटी लगाई गई। इन कामों में लगे सभी वर्ग के लोगों को कोरोना वॉरियर कहकर संबोधित किया गया, लेकिन शिक्षकों को इस संज्ञा से दूर रखा गया। फिर चाहे वे निगम के शिक्षक हों या दिल्ली सरकार के। इसे लेकर शिक्षकों में नाराजगी भी है और निराशा भी। इनका कहना है कि लॉकडाउन-1 से लेकर आज तक उनकी कभी कंटेनमेंट जोन में खाना बांटने में ड्यूटी लगी तो कभी राशन बांटने में। इस दौरान कुछ शिक्षकों की संक्रमित होने के कारण मौत भी हुई। लेकिन हमारे काम का महत्व किसी ने नहीं समझा। इसीलिए हमें कोरोना वॉरियर की सूची में भी शामिल नहीं किया। शिक्षक यूनियन के नेताओं ने भी आवाज उठाई लेकिन किसी ने नहीं सुनी।


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