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दिल्ली-NCR की हवा में और घुला जहर, मुसीबतों भरा होगा अगला सप्ताह

सफर के पूर्वानुमान के मुताबिक रविवार को दिल्ली-एनसीआर का हवा का स्तर खतरनाक स्तर के आसपास ही रहेगा। हालात में सुधार के कोई आसार नहीं हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 10:26 AM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 10:50 AM (IST)
दिल्ली-NCR की हवा में और घुला जहर, मुसीबतों भरा होगा अगला सप्ताह
दिल्ली-NCR की हवा में और घुला जहर, मुसीबतों भरा होगा अगला सप्ताह

नई दिल्ली, जेएनएन। वायु प्रदूषण को लेकर देश की राजधानी दिल्ली के हालात गंभीर बने हुए हैं। शनिवार को भी दिल्ली के साथ एनसीआर का भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया। सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिची ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (SAFAR) की मानें तो शनिवार को दिल्ली के हालात पिछले कई दिनों की तरह गंभीर बने हुए हैं।

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शनिवार सुबह 8ः20 बजे AQI 369 दर्ज किया गया है, यह बेहद गंभीर स्थिति में आता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे हालात अगले तीन दिनों तक बने रहेंगे।  एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक, 0-50 के बीच का आकड़ा ठीक रहता है, जबकि 51-100 के बीच संतोषजनक। वहीं, 101 से 200 तक सामान्य माना जाता है, वहीं 201 से 300 के बीच के आकड़े को खराब तो 301 से 400 के बीच को गंभीर और 401-500 को बेहद खतरनाक माना जाता है।

समाचार एजेंसी के मुताबिक, सुबह 8:30 बजे चांदनी चौक इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 366 था, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के आसपास 373 के साथ बेहद गंभीर श्रेणी में है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, न्यूनतम तापमान 17 तो उच्चतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।

रविवार तक और बिगड़ेंगे हालात 
सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिची ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (SAFAR) की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ का असर दिल्ली-एनसीआर की हवा को प्रभावित करेगा। सफर के पूर्वानुमान के मुताबिक रविवार को दिल्ली-एनसीआर का हवा का स्तर खतरनाक स्तर के आसपास ही रहेगा। अनुमान के मुताबिक रविवार को सबसे खतरनाक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। 

घर के अंदर पहुंचा प्रदूषण, स्थिति हो रही गंभीर

दिल्ली में प्रदूषण की भयावह स्थिति ने एक अलग ही रूप अख्तियार कर लिया है। इसका असर अब इंडोर प्रदूषण में भी नजर आ रहा है। हाल ही में इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आइपीसीए) की तरफ से जनवरी 2018 से लेकर सितंबर 2018 के दौरान कॉरपोरेट दफ्तरों,सरकारी इमारतों, मल्टीप्लेक्स, अस्पताल, आवासीय परिसरों में स्टडी की गई। जिसमें यह बात सामने आई कि इन सभी में पीएम 2.5 जैसे प्रदूषित कण, कार्बन डाईऑक्साइड जैसे प्रदूषक तत्व काफी ज्यादा दर्ज हो रहे हैं। साथ ही एयरकंडिशनर में जो फंगस जमा हो जाती है, उससे हवा होते हुए कमरों के अंदर दाखिल होती है, यह भी जानलेवा है। रूम फ्रेशनर और डियोड्रेट भी प्रदूषित तत्वों को बढ़ाते हैं।

डियोड्रेट , रूम फ्रेशनर से हो सकता कैंसर
आइपीसीए की डिप्टी डायरेक्टर राधा गोयल ने बताया की हमने 13 इमारतों पर आठ महीने के दौरान अध्ययन किया। इनमें छह कॉरपोरेट दफ्तर, 2 अस्पताल, दो आवासीय परिसर, 1 मल्टीप्लेक्स और दो सरकारी इमारतों में स्टडी की गई। स्टडी में पाया गया है कि पीएम 2.5 और कार्बन डाऑक्सइड के अलावा टोटल ऑर्गेनिक कपाउंड (टीवीओसी) और बायोएरोसोल जैसे प्रदूषित कण भी इंडोर प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। डियोड्रेट और रूम फ्रेशनर से टीवीओसी वातावरण में फैलता है। इसका सामान्य स्तर 500 होना चाहिए, लेकिन यह स्टडी 980 एमजीसीएम तक भी दर्ज हुआ है। वहीं बॉयोएरोसोल एयरकंडिशनर (एसी) में मौजूद फंगस एवं बैक्टिरियां से प्रदूषण फैलता है। इसका सामान्य स्तर 300 एमजीसीएम होता है, लेकिन यह स्टडी में 11 हजार एमजीसीएम तक दर्ज हुआ है। इनके लगातार संपर्क में रहने से कैंसर होने की आशंका बढ़ सकती है।


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