नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी से उबरते हुए पटरी पर आने की कोशिश में जुटे दिल्ली के बाजार को आम बजट ने मुस्कुराने के साथ नई उम्मीद देने का काम किया है। दिल्ली के व्यापारी जगत ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट को सराहा है साथ ही 10 में से आठ नंबर दिए हैं। वैसे, इसकी उम्मीद उन्हें पहले से थी, इसलिए सुबह से ही व्यापारी वर्ग टेलीविजन से चिपका हुआ था। कई स्थानों पर बड़े एलईडी स्क्रीन लगाकर बजट का लाइव प्रसारण किया जा रहा था।
खान मार्केट में हुआ प्रसारण
कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के साथ खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन द्वारा खान मार्केट में हुए लाइव प्रसारण में दिल्ली के प्रमुख व्यापारी नेताओ ने संसद में निर्मला सीतारमण द्वारा की जा रही बजटीय घोषणाओं को ध्यान से सुना तथा इसे सराहा।
बाद में व्यापारियों ने इसे व्यापक और प्रगतिशील बजटीय दस्तावेज बताया है। कहा है कि यह सुनियोजित तरीके से भविष्य में प्रत्येक क्षेत्र के विकास का मापदंड तय करते हुए व्यापार और लघु उद्योग के चरणबद्ध विकास का रास्ता साफ करेगा। प्रमुख व्यापारी नेताओं ने कहा कि यह मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों को राहत देने वाला है। इसी तरह सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमइ) और छोटे व्यापारियों के लिए ऋण ब्याज पर एक प्रतिशत की छूट और तीन करोड़ रुपये के कारोबार वाले एमएसएमइ को टैक्स में राहत प्रशंसनीय कदम है।
व्यापारी नेताओं के मुताबिक आयकर के पांच स्लैब बनाने तथा व्यक्तिगत आय कर छूट को सात लाख रुपये करना साहसिक कदम है। इसी तरह डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने तथा कई वस्तुओं से आयात शुल्क को कम करना प्रशंसनीय है।
जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट्स
वर्तमान हालातों में बजट के जरिए अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने का प्रयास किया गया है। बजट के प्रविधानों से जहां घरेलू व्यापार में नए अवसर मिलेंगे वहीं दूसरी ओर देश के निर्यात व्यापार को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इसे 10 में से आठ नंबर देना चाहूंगा। बजट में सात प्राथमिकताओं के जरिए वित्तमंत्री ने कोशिश की है कि बाजार में ज्यादा से ज्यादा पैसा आए जिसका प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष लाभ व्यापारियों को मिलेगा। हालांकि, वस्तु एवं सेवाकर ( जीएसटी) के कर ढांचे के सरलीकरण और युक्तिसंगत के संबंध में कुछ भी ठोस घोषणा नहीं की गई है जो "एक बाजार-एक कर" के सिद्धांत के विपरीत है। इसके साथ ही ई- कामर्स में विदेशी कंपनियों द्वारा किए जा रहे मनमाने रवैये पर भी कोई बात न कहने से देश भर के व्यापारियों में निराशा है।
-प्रवीन खंडेलवाल, महामंत्री, कैट
यह बजट संतुलित है। इसमें मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों को आंशिक राहत दी गई है। आयकर में नई टैक्स व्यवस्था में छूट का प्रविधान किया गया है, लेकिन पुरानी कर व्यवस्था को लेकर स्पष्टता नहीं है।एमएसएमइ और छोटे व्यापारियों के लिए ऋण के ब्याज दर में कमी लाने की आवश्यकता थी, जो नहीं होने से निराशा है। हालांकि, बजट में एमएसएमइ सेक्टर के लिए ब्याज पर एक प्रतिशत की छूट की घोषणा स्वागतयोग्य है। इसी तरह तीन करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले एमएसएमइ को टैक्स में राहत दी गई है। यह अच्छा कदम है। वस्तु एवं सेवाकर के दायरे में पेट्रोल व डीजल को भी लाना चाहिए।
-बृजेश गोयल, चेयरमैन, चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ)
कोरोना महामारी से जूझते बाजार में जान फूंकने के लिए बजट में कई प्रविधान किए गए हैं। इससे व्यापारी वर्ग खुश है। खासकर आयकर में राहत की मांग लंबे अर्से से हो रही थी। चीन समेत दूसरे देशों से आयात में कटौती और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी कई विशेष उपाय किए गए हैं। हालांकि, देश के खुदरा व्यापार को ई-कामर्स की चुनाैती की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिसके चलते अगले कुछ वर्ष में ही देश के 70 प्रतिशत खुदरा व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।

-देवराज बवेजा, अध्यक्ष, दिल्ली व्यापार महासंघ
बजट को आशावादी और 21वीं सदी के अनुरूप है। इसमें आधारभूत संरचनाओं के साथ ही कृषि, युवा, मध्यम वर्ग, खुदरा व्यापारी व कर्मचारियों समेत सभी वर्ग का ध्यान रखा गया है। निश्चित ही इससे बाजार में तरलता बढ़ेगी और बिक्री में इजाफा होगा। मोबाइल फोन से भुगतान को बढ़ावा देने की बात है, लेकिन कार्ड के माध्यम से भुगतान पर अभी भी शुल्क है। इसे कम किया जाना चाहिए या हटा दिया जाना चाहिए।
-संजीव मेहरा, अध्यक्ष, खान मार्केट ट्रेडर्स एसाेसिएशन