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Delhi Budget 2023: AAP सरकार का योजनाएं पूरा करने पर जोर, भविष्य पर भी नजर; विकास के लिए गहलोत ने खोली झोली

दिल्ली सरकार के बजट में जहां एक ओर पुरानी योजनाओं को पूरा करने पर जोर दिखाई देता है वहीं दिल्लीवासियों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास भी नजर आते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सरकार के उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में हैं।

By Saurabh shrivastavaEdited By: GeetarjunPublished: Wed, 22 Mar 2023 11:11 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2023 11:11 PM (IST)
Delhi Budget 2023: AAP सरकार का योजनाएं पूरा करने पर जोर, भविष्य पर भी नजर; विकास के लिए गहलोत ने खोली झोली
AAP सरकार का योजनाएं पूरा करने पर जोर, भविष्य पर भी नजर; विकास के लिए गहलोत ने खोली झोली

नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। दिल्ली सरकार के बजट में जहां एक ओर पुरानी योजनाओं को पूरा करने पर जोर दिखाई देता है, वहीं दिल्लीवासियों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास भी नजर आते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सरकार के उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में हालांकि कोई बड़ी घोषणा न होना निराश करती है।

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वहीं, सड़कों को चमकाने, फ्लाईओवर बनाने, अस्पतालों की पुरानी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही मोहल्ला बस परियोजना, अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों का एयरपोर्ट की तरह विकास करने और बहुमंजिला बस पार्किंग बनाने की योजनाएं ऐसी हैं, जो आकर्षित करती हैं।

सरकार ने इसे साफ, सुंदर और आधुनिक दिल्ली को समर्पित बजट बताया है। इसमें कोई दो राय भी नहीं कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) इलाके से बाहर दिल्ली में कहीं भी जाने पर न दिल्ली साफ दिखती है, न सुंदर और न ही आधुनिक। सड़कों की खस्ताहाल स्थिति और उनपर उड़ती धूल आसानी से देखी जा सकती है।

सुंदरता तो दूर स्वच्छता के बारे में भी अब तक गंभीरता से विचार नहीं किया गया है। ऐसे में यदि इस बजट से ऐसी ध्वनि आती है कि दिल्ली सरकार अब स्वच्छता और सुंदरता पर कार्य करेगी तो इसे एक सुखद संकेत कहा जा सकता है।

एमसीडी को भी अधिक बजट देकर दिल्ली सरकार ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि निगम क्षेत्र में भी सफाई पर जोर दिया जाएगा। वैसे, जी-20 सम्मेलन के लिए भी दिल्ली को सजाना संवारा जाना आवश्यक है। इसी तरह, सार्वजनिक परिवहन को लेकर भी अब तक दिल्ली सरकार पर विपक्ष लगातार प्रहार करता रहा है।

डीटीसी के बेड़े में बसों की कमी दिल्लीवासियों के लिए भी परेशानी का सबब रही है और वायु प्रदूषण का स्तर घटाने में भी यह एक बड़ी बाधा रही है। परिवहन का दायित्व भी संभाल रहे वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने पहले बजट में 1600 नई इलेक्ट्रिक बसें लाने की बात कही है, जिनमें से सौ छोटी बसें मोहल्ला बसों के रूप में फीडर बस की तरह भीतरी इलाकों में चलाई जाएंगी।

वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रदूषण के स्रोतों की रियल टाइम गणना करने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में एक मोबाइल वैन स्थापित करने की घोषणा महत्वपूर्ण है। वहीं, यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए छह सूत्रीय योजना के तहत इस बजट में सीवरेज प्रबंधन पर खास ध्यान दिया गया है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बेहद आवश्यक उसकी चार्जिंग के आधारभूत ढांचे को विकसित करने पर बजट में जोर है तो सौर ऊर्जा पर भी खासा ध्यान दिया गया है। वर्ष 2025 तक दिल्ली की कुल बिजली खपत का 25 प्रतिशत सौर ऊर्जा से हासिल करने का लक्ष्य है और सरकार इस लक्ष्य को पाने के लिए प्रयासरत नजर आती है।


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