दिल्ली विधानसभा ने GST बिल को दी मंजूरी, सत्ता पक्ष और विपक्ष ने रखे सुझाव
दिल्ली विधानसभा ने सत्ता पक्ष के विधायक विशेष रवि द्वारा लाए गए संकल्प प्रस्ताव के साथ बिल को मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली विधानसभा ने बुधवार को ध्वनिमत से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बिल 2017 को मंजूरी दे दी। बिल को उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने पटल पर रखा था। जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने विस्तार से अपने सुझाव रखे।
अधिकतर विधायकों ने 28 फीसद तक बढ़ाए जा रहे टैक्स को लेकर चिंता व्यक्त की। बाद में दिल्ली विधानसभा ने सत्ता पक्ष के विधायक विशेष रवि द्वारा लाए गए संकल्प प्रस्ताव के साथ बिल को मंजूरी दे दी।
संकल्प प्रस्ताव में कहा गया है कि जीएसटी में टैक्स की बढ़ोतरी अधिक से अधिक 10 फीसद ही की जाए। इसमें से 5 फीसद दिल्ली सरकार और 5 फीसद केंद्र सरकार को टैक्स दिया जाए।
चर्चा को अंतिम रूप देते हुए सिसोदिया ने कहा कि देश में टैक्स रिफॉर्म के लिए लागू किए जा रहे जीएसटी से महंगाई बढ़ेगी। इसे मैं लगातार कह रहा हूं। आज भी इस बिल पर चर्चा में सदस्यों की चिंता दिखाई दी है। जिसमें अधिकतर सदस्यों ने टैक्स को कम रखे जाने की मांग की है।
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सिसोदिया ने कहा कि हम बेतहाशा टैक्स बढ़ोत्तरी के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी गलत नहीं है, लेकिन इसे लागू करने में कई खामियां हैं। सरकार ने अनावश्यक वस्तुओं पर टैक्स की दरें काफी बढ़ा दी हैं। टैक्स की दरें ज्यादा होने पर भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
वहीं सदन की कार्यवाही संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि जीएसटी में टैक्स की बढ़ोतरी कम रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई ऐसी चीजों को जीएसटी में शामिल कर दिया गया है, जो समझ से परे है।
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