डीडीसीए मानहानि केस: सीएम अरविंद केजरीवाल व कीर्ति आजाद को समन
अदालत ने कहा कि डीडीसीए अधिकारियों के बारे में यह कहना कि उन्होंने एक महिला के बेटे का चयन करने के लिए उससे शारीरिक संबंध बनाना चाहा था गंभीर मानहानि वाली टिप्पणी है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में तीस हजारी कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व भाजपा से निलंबित सासंद कीर्ति आजाद को समन जारी किया है।
महानगर दंडाधिकारी अभिलाष मल्होत्रा ने कहा कि प्रथम दृष्टया दोनों के बयानों से क्रिकेट संघ व उसके अधिकारियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। अदालत ने उन्हें 18 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है।अदालत ने कहा कि डीडीसीए अधिकारियों के बारे में यह कहना कि उन्होंने एक महिला के बेटे का चयन करने के लिए उससे शारीरिक संबंध बनाना चाहा था गंभीर मानहानि वाली टिप्पणी है।
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डीडीसीए के तत्वावधान में सैकड़ों खिलाड़ी क्रिकेट खेल रहे है। इस तरह का बयान वह भी एक मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया, जिससे क्रिकेटरों, अधिकारियों और जनता की सोच पर दूरगामी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इससे डीडीसीए के कामकाज, चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान न केवल न्यूज चैनल पर चले बल्कि सभी राष्ट्रीय समाचार पत्रोंं में प्रकाशित हुए। इंटरनेट पर भी चले।
पेश मामले में डीडीसीए व उसके उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील संग्राम पटनायक ने अदालत के समक्ष एक टीवी चैनल की फुटेज दिखाई थी, जिसमे इंटरव्यू के दौरान मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि डीडीसीए सेक्स रैकेट का अड्डा है।
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आरोप है कि मुख्यमंत्री के इस बयान का पूर्व क्रिकेटर व सांसद कीर्ति आजाद ने समर्थन किया था। याचिकाकर्ता के अनुसार दोनों के इन बयानों से लोगों की नजर मेंं डीडीसीए की छवि को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में मानहानि व मानहानि की सजा की धारा 499 व 500 के तहत दोनों के खिलाफ मुकदमा किया जाए।