DTC बस में छात्रा से छेड़छाड़, DCW चीफ ने केजरीवाल सरकार पर उठाए सवाल
आयोग ने नोटिस में ये भी पूछा है कि डीटीसी की सभी बसों में मार्शल तैनात करने और सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर अब तक क्या कार्रवाई हुई। दोनों योजनाओं को कब तक पूरा कर लिया जाएगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। डीटीसी बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मार्शल तैनात करने और सीसीटीवी कैमरे लगवाने का दावा सरकार अब तक पूरा नहीं कर सकी है। इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला करता रहा है। अब दिल्ली सरकार के ही महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने भी इन योजनाओं के पूरा न होने पर सवाल खड़े किये हैं।
हाल में डीटीसी की रूट नंबर 544 की बस में छात्रा से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। छेड़खानी से बचने के लिए छात्रा चलती बस से कूद गई थी। इससे छात्रा घायल हो गई थी। इस घटना के वक्त भी बस में कोई मार्शल तैनात नहीं था। मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए डीसीडब्ल्यू हादसे की जांच कर रही है।
मामले में आयोग ने पुलिस व परिवहन आयुक्त को नोटिस जारी किया है। आयोग ने डीटीसी बसों में पुलिस व परिवहन विभाग को नोटिस जारी कर मार्शलों की तैनाती नहीं होने और सीसीटीवी कैमरे न लगने का मामला उठाया है। नोटिस में आयोग ने व्यस्त समय पर डीटीसी बसों की कमी, महिला बसों की कम संख्या और उनमें महिला सुरक्षा के पुख्ता बंदोबश्त न होने पर परिवहन आयुक्त और दक्षिणी जिले के पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा है।
आयोग ने दोनों अधिकारियों को 10 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। आयोग ने नोटिस में ये भी पूछा है कि डीटीसी की सभी बसों में मार्शल तैनात करने और सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर अब तक क्या कार्रवाई हुई। दोनों योजनाओं को कब तक पूरा कर लिया जाएगा। आयोग ने पुलिस से पूछा है कि इस घटना में उसकी तरफ से क्या कार्रवाई की गई है।
दिल्ली महिला आयोग ने भले ही मामले में पुलिस और परिवहन विभाग को नोटिस भेजा है, लेकिन इसे अप्रत्यक्ष तौर पर दिल्ली सरकार पर सवाल माना जा रहा है। दरअसल, डीटीसी बस में मार्शल तैनात करना और सीसीटीवी कैमरे लगाने का दावा अरविंद केजरीवाल ने ही चुनावों से पहले किया था। सरकार को ही इस दिशा में काम भी करना है।
मालूम हो कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आने से पहले महिला की सुरक्षा को लेकर कई दावे किए थे। आप के चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए डीटीसी बसों में मार्शल तैनात करने और सीसीटीवी कैमरे लगाने के दावे को प्रमुखता से शामिल किया गया था। साथ ही दिल्ली सरकार वक्त-वक्त पर डीटीसी बसों की संख्या बढ़ाने और महिला विशेष बसें चलाने का भी दावा करती रही है। हालांकि, सरकार महिला सुरक्षा को लेकर अब तक कोई भी दावा पूरा नहीं कर सकी है।