NCR में भी दिखा 'भारत बंद' का असर, हापुड़, गाजियाबाद व फरीदाबाद में कई बार बिगड़े हालात
दलित संगठनों के भारत बंद आह्वान पर कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी हुआ।
नई दिल्ली (जेएनएन)। एससी/एसटी एक्ट में संशोधन मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ दलित संगठनों का भारत बंद सोमवार को हिंसक हो गया। इससे दिल्ली-एनसीआर भी खासा प्रभावित हुआ। दिल्ली तो हालांकि शांत रहा, लेकिन फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, नोएडा, ग्रेटर नोएडा के इलाके खासे अशांत रहे। वहीं, गाजियाबाद में एम्स के डॉक्टरों व नर्सों से भरी बस पर प्रदर्शनकारी भीड़ ने पथराव कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन के चलते दिन में मेरठ, हापुड़ और गाजियाबाद में रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त कंपनी तैनात करनी पड़ गई थी। आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए पांच कंपनी पीएसी भी संवेदनशील जिलों को भेजी गईं।
प्रदेश के मेरठ और आगरा जोन में सर्वाधिक आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाएं हुई हैं वहीं मेरठ, हापुड़, आगरा मुजफ्फरनगर, नोएडा में आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया है।
जानकारी के मुताबिक, एससी-एसटी एक्ट के मामले में तुरंत गिरफ्तारी न होने से संबंधित फैसले के विरोध में लोनी में प्रदर्शनकारियों ने कई बसों में तोड़फोड़ की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। वहीं, लोगों ने बंथला फाटक व लोनी तिराहे पर जाम लगा दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने शांत कराकर भीड़ को तितर-बितर किया। नोली स्टेशन पर भी भारी पुलिस बल तैनात रहा।
इस बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है जिसे कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सहमत नहीं है और हमने इसे लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की है।
लोनी में दिखा प्रदर्शन का असर
दलित संगठनों के भारत बंद आह्वान पर लोनी क्षेत्र में सोमवार को विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया। दोपहर करीब एक बजे लोनी बार्डर थाना क्षेत्र स्थित बस स्टेशन पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने तीन बसों में तोड़फोड़ की। इनमें एक निजी व दो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें शामिल हैं। हालांकि, बस में बैठे किसी भी यात्री को चोट नहीं आई। इससे यात्रियों में भगदड़ मच गई।
सुबह से ही शुरू हो गए विरोध प्रदर्शन
लोगों ने सोमवार सुबह दस बजे नगर में भारत बंद को लेकर जुलूस निकाला। इसके बाद उन्होंने बंथला रेलवे फाटक के पास करीब एक घंटे तक जाम लगाकर प्रदर्शन किया। यहां के बाद प्रदर्शनकारी लोनी तिराहे पर एकत्र हुए। उन्होंने विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली-सहारनपुर मार्ग व लोनी-गाजियाबाद मार्ग पर करीब एक घंटे तक जाम लगाया।
सूचना पर एसडीएम अमित पाल शर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी दुर्गेश कुमार सिंह भारी पुलिस बल के साथ लोनी तिराहा पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर जाम को खुलवाया। लोगों ने एसडीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा। दोपहर करीब 12 बजे भारी संख्या में प्रदर्शनकारी नोली रेलवे स्टेशन के पास एकत्र होने लगे।
हालांकि, प्रशासन ने पहले ही पुलिस बल तैनात किया हुआ था। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर लोगों को वहां से हटा दिया। एसडीएम ने बताया कि लोनी में प्रदर्शन के दौरान छिटपुट घटनाएं हुई हैं। हालांकि, कोई बड़ी घटना नहीं हुई।
फरीदाबाद में हाथों में बेसबॉल के डंडे लेकर जबरन बंद कराईं दुकानें
अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न के मामलों में मुकदमा दर्ज होते ही गिरफ्तारी पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दलितों से जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद के आह्वान के तहत हाथों में बेसबॉल के डंडे लेकर जबरन बाजारों को बंद कराया। पुलिस बल उनके साथ चल रहा था, लेकिन उन्हें कहीं पर भी रोका नहीं गया। साथ चल रही पुलिस से कोई मदद न मिलती देख दुकानदारों ने नुकसान की आशंका के चलते अपनी दुकानें बंद रखीं । इससे व्यापारियों में पुलिस के प्रति खासी नाराजगी देखने को मिली।
एनआइटी में एक नंबर, दो, तीन व पांच नंबर के बाजार प्रतिदिन की भांति सुबह आठ से नौ बजे के बीच सामान्य रूप से खुलने शुरू हुए, पर 10.30 बजे के करीब जब अनुसूचित जाति से संबंधित संगठनों के कार्यकर्ता बाजारों में निकले, तो बल्लभगढ़ के बाजारों को जबरन बंद कराने की कोशिश की। इन लोगों ने हाथों में बेसबॉल के डंडे लिए हुए थे, दुकानदारों ने इसका विरोध किया और विधायक मूलचंद शर्मा और थाना शहर प्रभारी प्रीतपाल ¨सह को टेलीफोन पर खबर कर दी।
पुलिस बाजार में आ गई और उन्हें समझा-बुझा कर ले गई। संगठनों ने अंबेडकर चौक पर जाम लगा दिया। मौके पर थाना शहर प्रभारी प्रीतपाल ¨सह सांगवान पुलिस लेकर पहुंच गए और जाम को खुलवा दिया। पूरे दिन पुलिस अंबेडकर चौक, राष्ट्रीय राजमार्ग, बल्लभगढ़ बस अड्डे और बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर तैनात रही। यहां से ये लोग पैदल जुलूस के रूप में निकल कर सेक्टर-12 चले गए।
इधर एनआइटी में अनुसूचित जाति से जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एक, दो, तीन व पांच नंबर के बाजारों को बंद करा दिया। ये लोग वाहनों पर चार-चार सवार थे और नारे लगा रहे थे, कि बंद तुम्हारी और खुली हमारी। दुकानदारों ने लूटपाट व आगजनी के डर की वजह से दुकानों को पूरी तरह से बंद कर दिया और शाम के चार बजे तक भी दुकानों को नहीं खोला।