बिसाहड़ा में 11 घंटेे से शव को गांव में रखा, अंत्येष्टि के लिए चार मांगों पर अड़े ग्रामीण
राष्ट्रीय मानवाधिकार ने प्रदेश सरकार को न्यायिक हरासत में रवि की मौत के मामले में नोटिस जारी किया। साथ ही मौत की न्यायिक जांच कराने के लिए जिलाधिकारी ने जिला जज को पत्र लिखा है।
नोएडा (जेएनएन)। दादरी के बिसाहड़ा गांव के इकलाख की हत्या के आरोप में लुक्सर जेल में बंद आरोपी रवि का शव दिल्ली में तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम होने के बाद बुधवार देर रात गांव पहुंचा। इसके बाद गांव में माहौल तनावपूर्ण हो गया। आज सुबह भी गांव में तनाव का माहौल है।
गांव वालों ने परिजनों को एक करोड़ रुपये, जान मोहम्मद की गिरफ्तारी और जेलर के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की। गांव वालों ने प्रशासन को साफ कर दिया कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, शव का अंतिम संस्कार नहीं होगा।
इकलाख हत्याकांड के एक आरोपी की मौत से बिसाहड़ा में तनाव, गांव छावनी में तब्दील
उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार ने प्रदेश सरकार को न्यायिक हरासत में रवि की मौत के मामले में नोटिस जारी किया। साथ ही मौत की न्यायिक जांच कराने के लिए जिलाधिकारी ने जिला जज को पत्र लिखा है। रवि के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तीन दिन बाद एसडीएम को सौंपी जाएगी।
बिसाहड़ा कांड : मानवाधिकार आयोग ने भेजा नोटिस, जेलर के खिलाफ आक्रोश
रवि के शव का पोस्टमार्टम लोक नायक अस्पताल में किया गया। पोस्टमार्टम के बाद सात बजे तक परिजनों को शव सौंप दिया गया। पोस्टमार्टम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई गई। सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम से पहले रवि के परिजनों को शव भी दिखाया गया था।
बिसाहड़ा गांव में जेलर भीम सिंह मुकुंद के खिलाफ जमकर आक्रोश है। मुकुंद पहले भी विवादों में रहे है। लखनऊ जेल में एनआरएचएम घोटाले के आरोपी डा. वाईएस सचान की मौत के दौरान भी मुकुंद ही लखनऊ जेल के जेलर थे। उस दौरान सीबीआइ ने उनसे पूछताछ भी की थी।
रवि के परिजनों ने जेल में मारपीट और उत्पीड़ित करने का आरोप लगाया है। परिजन ने मामले में सीबीआइ जांच की मांग भी की है। ग्रामीणों का कहना है कि रवि के परिजनों को भी इकलाख की तरह मुआवजा, फ्लैट और नौकरी का आश्वासन दिया जाना चाहिए। परिजनों ने मुआवजे में एक करोड़ रुपये की मांग की है। गांव में भाजपा नेताओं का आना-जाना शुरू हो गया है।
दादरी कांड का चौंकाने वाला सच, इकलाख के घर से गोमांस मिला था
भाजपा विधायक सुरेश राणा, पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर व जिलाध्यक्ष विजय भाटी व अन्य रवि के परिजनों से मिलने पहुंचे। जिला कोर्ट में रवि के अधिवक्ता राम शरण नागर ने अर्जी लगाई थी कि रवि की तबियत खराब है, उसके हाथ-पैर में दर्द है। उसको चिकनगुनिया के लक्षण है।
अर्जी पर सुनवाई करते हुए बीते महीने 30 सितंबर को कोर्ट ने आदेश किया था कि जेल प्रशासन इस मामले का संज्ञान ले और रवि को जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराए। लेकिन पांच दिनों तक जेल प्रशासन ने मामले में कोई संज्ञान ही नहीं लिया।
30 सितंबर को हुए आदेश के बाद भी चार अक्टूबर को रवि को अस्पताल में भर्ती कराया गया। यदि जेल प्रशासन बिना लापरवाही किए रवि को समय रहते अस्पताल में भर्ती करवाता तो वह बच सकता था। पुलिस को आशंका है कि देर रात ग्रामीण एनटीपीसी की रेलवे लाइन को प्रभावित कर सकते है, इसे देखते हुए आसपास पुलिस बल तैनात कर दिया गया।