दाती महाराज से आठ बार हो चुकी है पूछताछ, याचिका पर फैसला सुरक्षित
दुष्कर्म पीड़िता के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस से मामला सीबीआइ को ट्रांसफर करने का हाई कोर्ट का फैसला सही था।
नई दिल्ली, जेएनएन। दुष्कर्म मामले के आरोपी दाती महाराज की याचिका पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। दाती महाराज ने दुष्कर्म मामले की जांच दिल्ली क्राइम ब्रांच से लेकर सीबीआइ को दिए जाने के 3 अक्टूबर के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी। शुक्रवार को मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने दोनों पक्षों को सुना।
तथ्यों को छुपाया
दाती महाराज के वकील एन हरिहरन ने कहा कि पीड़िता ने मामले में हाई कोर्ट से कई तथ्यों को छुपाया है। यह निचली अदालत को निर्धारित करना था कि अब तक हुई जांच कमजोर थी या नहीं। वहीं दूसरी तरफ दुष्कर्म पीड़िता के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस से मामला सीबीआइ को ट्रांसफर करने का हाई कोर्ट का फैसला सही था।
दाती महाराज से आठ बार हुई पूछताछ
दिल्ली पुलिस की तरफ से एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल संजय घोष ने कहा कि मामले में की गई जांच पक्षपातपूर्ण नहीं थी जैसा की पीड़िता ने आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले में दाती महाराज से आठ बार पूछताछ की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह मामले को सीबीआइ को ट्रांसफर करने को चुनौती नहीं दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
बता दें कि पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने 3 अक्टूबर को जांच क्राइम ब्रांच से सीबीआइ को ट्रांसफर कर दी थी। इसके खिलाफ दाती महाराज ने पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में ही याचिका दायर करने के निर्देश दिए तो दाती महाराज ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
सामूहिक दुष्कर्म का आरोप
ज्ञात हो राजस्थान की रहने वाली 25 साल की युवती का आरोप है कि दाती महाराज और उसके सहयोगियों ने उसके साथ कई बार सामूहिक दुष्कर्म किया है। युवती की शिकायत पर 11 जून को रिपोर्ट दर्ज की थी और पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी थी।