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कन्हैया के समर्थन में उतरे डी राजा, जानिए जेएनयू देश विरोधी नारेबाजी से जुड़ी अहम बातें

कन्हैया कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल पर सीपीआई नेता डी राजा ने पुलिस पर सवाल खड़े खड़े किए हैं। आइए जानते हैं जेएनयू नारेबाजी से जुड़ी अहम बातें।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 06:44 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 08:57 AM (IST)
कन्हैया के समर्थन में उतरे डी राजा, जानिए जेएनयू देश विरोधी नारेबाजी से जुड़ी अहम बातें

नई दिल्ली, जेएनएन। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों पर देशद्रोह मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी राजा ने कहा है कि पिछले तीन सालों के दौरान दिल्ली पुलिस कन्हैया कुमार समेत अन्य छात्र नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में नाकाम रही है, लेकिन अब चुनाव नजदीक आते ही इन लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। राजा ने दावा किया है कि इन छात्रों के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पुलिस के पास कुछ भी नहीं है। सीपीआई नेता ने कहा कि हम कोर्ट ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। उधर, कन्हैया कुमार ने अपने ऊपर 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कन्हैया ने तंज भरे अंदाज में इसके लिए पीएम को थैंक्स कहा है।

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जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। आइए जानते हैं पूरे घटनाक्रम के बारे में-

आतंकी अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की फांसी के विरोध में 9 फरवरी 2016 को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में नारेबाजी की गई। आरोप है इन लोगों ने देश के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही। 11 फरवरी को पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद महेश गिरी ने कन्हैया कुमार समेत कई लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया। बसंत कुंज नार्थ थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अर्निबान भट्टाचार्य से पूछताछ की। पुलिस ने 12 फरवरी को जेएनयू छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया। जबकि उमर खालिद समेत छात्र गिरफ्तारी के डर से गायब हो गए।

15 फरवरी को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार की पेशी हुई। इस दौरान कुछ वकीलों ने कन्हैया और कुछ पत्रकारों से बदसलूकी की। आरोप है कि वकीलों ने पिटाई भी की थी। 21 फरवरी को इस घटनाक्रम से जुड़े सभी छात्र जेएनयू पहुंचे। दिल्ली पुलिस ने उमर ख़ालिद और अर्निबान को 24 फरवरी को गिरफ्तार किया। इसके बाद 19 मार्च 2016 को कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अर्निबान को कोर्ट से जमानत मिल गई। मामला तूल पकड़ने के बाद जेएनयू की जांच कमेटी ने 26 अप्रैल को विश्वविद्यालय के नियमों का दोषी पाया और 21 छात्रों पर अनुशासनात्मक कारवाई की सिफारिश की। कन्हैया कुमार समेत छात्र संघ के सभी नेताओं ने इस कार्रवाई को मानने से इनकार कर दिया। कन्हैया कुमार समेत सभी आरोपी छात्र 10 और 12 मई दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे। अदालत ने कार्रवाई पर स्टे देते हुए इन सभी लोगों को बड़ी राहत दी।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों के खिलाफ कोर्ट में 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। इन लोगों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124A, 323, 465, 143, 149, 147, 120B के तहत चार्जशीट फाइल की गई है। जिन लोगों पर ये आरोप लगाए गए हैं उनके नाम- कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अर्निबान भट्टाचार्य, आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, राइस रसूल, खालिद बशीर भट, शेहला रसीद, अपराजिता राजा और उमर गुल का नाम प्रमुख है।


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