सिविल सेवा की परीक्षा में फेल होने के बाद बना फर्जी IPS, धौंस जमाने के लिए करता था ये काम
हौजकाजी थाना पुलिस ने एक फर्जी आइपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान 53 वर्षीय राजीव गुप्ता के रूप में हुई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। मध्य जिले के हौजकाजी इलाके से पुलिस ने ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो लोगों पर धौंस जमाने के लिए खुद को आइपीएस अधिकारी बताता था। उसकी पहचान राजीव गुप्ता (53) के रूप में हुई है। उसने हौजकाजी में लोहे की पाइप की दुकान खोल रखी है। एक व्यक्ति ने पुलिस को उसके बारे में जानकारी दी थी।
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने वर्ष 1989 में सिविल सेवा परीक्षा दी थी, लेकिन उसमें पास नहीं हो सका था, जबकि उसके साथी आइजी (इंस्पेक्टर जनरल) रैंक तक पहुंच चुके हैं। उसके पास से एक पहचान पत्र मिला है, जिसमें आइजीपी तमिलनाडु पुलिस लिखा हुआ है। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर यह पता लगा रही है कि कहीं उसने लोगों से फर्जीवाड़ा तो नहीं किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजीव गुप्ता गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहता है। दिल्ली पुलिस की 'आइ एंड ईयर' स्कीम से जुड़े एक व्यक्ति ने आरोपित के बारे में हौजकाजी थाना पुलिस को जानकारी दी थी। फोन करने वाले ने पुलिस को बताया था कि एक व्यक्ति सीता राम बाजार की गली पाती राम में लोहे की पाइप की दुकान चलाता है और उसके पास आइपीएस अधिकारी का पहचान पत्र है। वह लोगों पर धौंस जमाता है।
एसआइ योगेंद्र कुमार व कांस्टेबल रवींद्र 30 मई को मौके पर पहुंचे और राजीव गुप्ता को दुकान से दबोच लिया। तलाशी में उसके पास से आइपीएस का फर्जी पहचान पत्र मिला। उस पर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस लिखा होने के अलावा अशोक स्तंभ का चिह्न अंकित था।
फर्जी पहचान पत्र पर आरोपित का नाम, जन्मतिथि और तमिलनाडु कैडर व बैच 1989 भी दर्ज है। उसके पास से दो अन्य फर्जी पहचान पत्र भी मिले हैं। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने आइ एंड ईयर स्कीम से ऐसे लोगों को जोड़ा है, जोकि अपराधी तत्वों के बारे में पुलिस को जानकारी दे सकें।
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