नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। इन्फ्लुएंजा ए के एच3एन2 वायरस के संक्रमण के बीच दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। इसका कारण ओमिक्रोन वायरस के नए वैरिएंट एक्सबीबी 1.16 का संक्रमण बताया जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों पर दिल्ली एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा कि देश में करीब हर व्यक्ति को पहले कोरोना का प्राकृतिक संक्रमण हो चुका है।
लोगों में हर्ड इम्युनिटी मौजूद है। इसलिए कोरोना की गंभीर बीमारी का संक्रमण, अस्पतालों में मरीजों के दाखिले और मौतें बढ़ने का खतरा नहीं है। नए शोधों से संभावना है कि प्राकृतिक संक्रमण जीवन भर कोरोना से बचाव में सक्षम होगा।
डॉ. संजय राय ने कहा कि कोरोना एक आरएनए वायरस है। इसमें आगे भी म्युटेशन होता रहेगा। इसलिए समय-समय पर संक्रमण घटता बढ़ता रहेगा। यह वायरस कभी खत्म नहीं होगा। इसलिए संक्रमण बढ़ने से चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
हमें अब सिर्फ यह निगरानी रखनी है कि इसके संक्रमण से गंभीर बीमारी, अस्पताल में मरीजों के दाखिले और मौतें तो नहीं बढ़ रही हैं? कोरोना वायरस तीन वर्ष से पुराना हो चुका है। अब इस वायरस के संदर्भ में बहुत साक्ष्य मौजूद हो चुके हैं।
टीका जोखिम वाली आबादी में कोरोना की गंभीर बीमारी और उससे होने वाली मौतों को 80-90 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम है। नए शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि टीके से उत्पन्न एंटीबाडी भले ही आठ से नौ माह में खत्म हो जाती है, लेकिन प्राकृतिक संक्रमण से उत्पन्न इम्युनिटी लंबे समय तक बरकरार रहती है।
यह कोरोना से सुरक्षित रखने में 1300 प्रतिशत ज्यादा असरदार है। इससे दोबारा संक्रमण का खतरा भी कम होता है। यदि दोबारा संक्रमण हो भी जाता है तो गंभीर बीमारी और मौतें होने की संभावना ना के बराबर है।
उन्होंने कहा कि वैरिएंट एक्सबीबी 1.16 ओमिक्रोन का ही एक स्वरूप है। समस्या तब होगी जब वायरस स्वरूप बदलकर नया नया बन जाएगा। तब उसका नाम भी सार्स कोव-2 से बदलकर कुछ और हो जाएगा। तब टीका भी काम नहीं करेगा। सरकार इस पर नजर रख रही है। मौजूदा समय में कोई खतरे की बात नहीं है।