IRCTC scam: विनय कोचर की याचिका पर फैसला सुरक्षित, कोर्ट से मांगी है विदेश जाने की इजाजत
IRCTC scam में सह-आरोपित विनय कोचर की याचिका पर दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली,एएनआइ। देश के चर्चित रेल टेंडर घोटाला (IRCTC scam) में सह-आरोपित विनय कोचर की याचिका पर दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है। विनय ने कोर्ट से जून और जुलाई में सिंगापुर और यूके जाने की इजाजत मांगी है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगली तारीख तक फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
क्या है रेलवे टेंडर घोटाला?
वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आइआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआइ के मुताबिक, नियम-कानून को ताक पर रखते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिये गये थे।
आरोप के मुताबिक, टेंडर दिये जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा थी। जानकारी के मुताबिक, इस जमीन को कृषि जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गयी थी और बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपये में ही दे दी गयी, जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत करीब 94 करोड़ रुपये थी।
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