AugustaWestland case: क्रिश्चियन मिशेल का सनसनीखेज खुलासा, नहीं लिया किसी का नाम
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपित क्रिश्चियन मिशेल ने अर्जी में आरोप लगाया है कि भारत की केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक एजेंडा के लिए कर रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपित क्रिश्चियन मिशेल ने पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत में अर्जी दायर कर कहा है कि उसने कभी भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष किसी का नाम नहीं लिया। उसने किसी भी राजनेता, सैन्य अधिकारी, मीडियाकर्मी या किसी अन्य अधिकारी का नाम नहीं लिया। मिशेल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए कर रही है। उसकी अर्जी पर अदालत ने ईडी को नोटिस जारी कर शनिवार तक जवाब मांगा है।
अधिवक्ता अल्जो के जोसेफ के माध्यम से दायर अर्जी अर्जी में दलील दी गई कि एक न्यायाधीश स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के लिए मीडिया की स्वतंत्रता पर अस्थायी तौर पर रोक लगा सकता है। अदालत को पूरी प्रक्रिया को संतुलित करना चाहिए। अर्जी में कहा गया कि आरोप पत्र दाखिल करते समय आरोपितों को उसकी प्रतियां देने के लिए कहा गया था, लेकिन ईडी ने इस पर आपत्ति की थी। उसका कहना था कि अदालत ने अभी तक आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लिया है, इसलिए उन्हें प्रतियां नहीं दी जा सकती हैं।
इसके बावजूद ईडी ने मीडिया हाउसों को उसकी प्रतिलिपि दे दी। आरोप पत्र का कुछ हिस्सा मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित भी किया गया है। इससे तय है कि ईडी अदालत में निष्पक्ष ट्रायल के बजाय मीडिया ट्रायल कराना चाहती है। ईडी न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना रही है और ऐसे में न्याय पूरी तरह से समाप्त हो गया है।
मिशेल ने अर्जी में कहा कि ईडी का कार्य बेहद ¨नदनीय है और कानून द्वारा स्थापित व्यवस्था के विपरीत है। जांच एजेंसी सरकार के हाथों में एक हथियार के तौर पर काम कर रही है। मीडिया में आई बातें उसके स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकारों का हनन करती हैं, क्योंकि वह दूसरे देश का नागरिक है।