Coronavirus Vaccination: बेटी के ट्रायल में शामिल होने से उत्साहित पिता ने कहा- वैक्सीन सभी के लिए सेफ
पिता ने बताया कि वह खुद लैब में कार्यरत हैं। इसलिए सैंपल जांच आदि करने और डाक्टरों के संपर्क में रहने के कारण वह ये जानते हैं कि टीके की डोज लेने से शरीर में एंटीबाडी बनती है। जो शरीर की रक्षा करती हैं।
नई दिल्ली, राहुल चौहान। एम्स में पहले चरण में वयस्कों के टीके के ट्रायल में शामिल होने से वंचित रहे राजकुमार (बदला हुआ नाम) अब बेटी को बच्चों के टीके के ट्रायल में शामिल कर काफी खुश हैं। वे बताते हैं कि जब एम्स में वयस्कों के टीके का पहले चरण का ट्रायल शुरू हुआ था तो वह खुद इसमें शामिल होने के लिए काफी उत्साहित थे। लेकिन, ड्यूटी पर होने के चलते वंचित रह गए। तभी उन्होंने तय कर लिया कि अपनी बेटी को बच्चों के टीके के ट्रायल में वालंटियर के तौर पर जरूर शामिल करेंगे।
टीके से बच्चों या बड़ों में नहीं पड़ता है फर्क
उन्होंने बताया कि वह खुद ही एक लैब में कार्यरत हैं। इसलिए सैंपल जांच आदि करने और डाक्टरों के संपर्क में रहने के कारण वह ये जानते हैं कि टीके की डोज लेने से शरीर में एंटीबाडी बनती है। जो किसी भी तरह के वायरस से लड़कर शरीर की रक्षा करती हैं। साथ ही टीका बड़ों को लगाया जाय या बच्चों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
टीका पूरी तरह सुरक्षित
पिता ने कहा कि ट्रायल के लिए बच्चों को टीका लगवाने से डरने की जरूरत नहीं है। टीका पूरी तरह सुरक्षित है। इसके साथ ही गंभीर कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए भी कारगर है। उन्होंने बताया कि उनकी बहन भी वैज्ञानिक हैं। इसलिए बेटी भी ऐसे माहौल में पली है कि उसे खुद ही चिकित्सा के क्षेत्र में जाने का शौक है। इसलिए वह भी शौक से ट्रायल में शामिल होने के लिए उनके साथ एम्स गई। पहले दिन विभिन्न जांच के लिए सैंपल दिए। उस समय मन में यह था कि कहीं कोई जांच रिपोर्ट ऐसी न आ जाए कि बच्ची ट्रायल में शामिल होने से वंचित रह जाए। लेकिन, अगले दिन ही जब सारी रिपोर्ट सही पाई गई।
फोन आते ही पिता का नहीं रहा खुशी का ठिकाना
बेटी को टीके की पहले डोज लगवाने के लिए एम्स से फोन आया तो उन्हें काफी सुकून मिला। साथ ही बेटी को लेकर एम्स पहुंचे। टीके की पहली डोज लेने के बाद बेटी को घर भेज दिया गया। अब उसका निगरानी पीरियड चल रहा है। अब जब दूसरी डोज के लिए बेटी को एम्स बुलाया जाएगा तब फिर से लेकर जाऊंगा। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को देखते हुए जल्दी ट्रायल पूरा हो और बच्चों के लिए टीके को मंजूरी मिले इसका इंतजार है।