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Coronavirus Prevention Tips: मूंग दाल, आंवला, अदरक और गिलोय से कोरोना पर प्रहार

Coronavirus Prevention Tips अस्पताल प्रशासन का दावा है कि आयुर्वेदिक पद्धति से हो रहे इलाज से जल्द ही मरीज ठीक होकर अपने घर लौट जाएंगे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 03:24 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 08:51 AM (IST)
Coronavirus Prevention Tips: मूंग दाल, आंवला, अदरक और गिलोय से कोरोना पर प्रहार
Coronavirus Prevention Tips: मूंग दाल, आंवला, अदरक और गिलोय से कोरोना पर प्रहार

मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली। Coronavirus Prevention Tips: कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने में आयुर्वेदिक पद्धति काफी लाभदायक सिद्ध होती नजर आ रही है। मूंग, आंवला, अदरक व गिलोय का इस्तेमाल कर कोरोना के संक्रमण को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। खैरा डाबर स्थित चौ. ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान में जिन आयुर्वेदिक दवाओं का कोरोना के खिलाफ प्रयोग हो रहा है, उनके नतीजे काफी उत्साहवर्धक हैं।

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अस्पताल प्रशासन का दावा है कि आयुर्वेदिक पद्धति से हो रहे इलाज से जल्द ही मरीज ठीक होकर अपने घर लौट जाएंगे। अभी संस्थान में 10 कमरों में 111 बेड का अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जिसमें 65 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों की टीम दिन रात इनके इलाज में लगी हुई है। मरीज भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि आयुर्वेदिक संस्थान में आकर वे काफी स्वस्थ महसूस कर रहे हैं।

मरीजों को दे रहे आंवले का : चूर्ण व मूंग की दाल का सूप संस्थान के अतिरिक्त निदेशक (अकादमिक) डॉ. एनआर सिंह ने बताया कि संस्थान में भर्ती मरीजों को चाय के स्थान पर आंवले से बने अमलकी चूर्ण को मूंग की दाल के सूप में मिलाकर शाम के समय दिया जाता है। विटामिन-सी से भरपूर अमलकी चूर्ण का सेवन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इससे शरीर कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए मजबूत बनता है।

इस तरीके से हो रहा मरीजों का इलाज : योग से होती है दिन की शुरुआत, मन होता है शांत संस्थान की डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रो. डॉ. विदुला गुज्जरवार ने बताया कि इलाज की प्रक्रिया में दवाओं के साथ-साथ सकारात्मक माहौल व योग का भी काफी अहम योगदान होता है। मरीजों में सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए रोजाना सुबह सबसे पहले सभी को योग कराया जाता है। योग करने से मन शांत रहता है और सारी नकारात्मक शक्तियां मन से निकल जाती हैं। तनाव व आलस्य दूर होता है और भूख लगती है। इससे दवा दोगुनी रफ्तार से अपना असर दिखाती है।

काढ़ा : अदरक, गिलोय व हरितकी के मिश्रण से मिलकर बने नागार्डी क्वाथ को काढ़े के रूप में दिन में तीन बार दिया जाता है। इन दवाओं के नियमित सेवन से मरीजों की तबीयत में काफी सुधार देखने को मिल रहा है।

गलोय : गिलोय की छाल से बनी संशमनी वटी की दो-दो गोली दिन में तीन बार दी जाती है। चिकित्सकों के मुताबिक गिलोय से व्यक्ति की इम्यूनिटी बढ़ती है। इससे बुखार में भी लाभ पहुंचता है।

देशभक्ति गीत : इसके अलावा देशभक्ति गानों से मरीजों में जोश भरने का प्रयास किया जाता है। इस जोश के साथ वह बीमारी को भुलाकर जल्द से जल्द ठीक होना चाहते हैं। देशभक्ति गीतों से उनका कोरोना पर जीत हासिल करने का जज्बा बरकरार रहता है।

हैप्पीनेस थेरेपी : वशेषज्ञों के अनुसार हैप्पीनेस थेरेपी योग का ही एक दूसरा रूप है। इसके माध्यम से मरीज के चेहरे पर खुशी लाने का प्रयास किया जाता है। कुछ पल के लिए ही सही अपनी परेशानियों को भुलाकर मरीज खिलखिलाकर हंसता है।


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