Coronavirus: 20 अप्रैल से एम्स में नई व्यवस्था, डॉक्टरों से परामर्श लेना है तो ऑनलाइन करें आवेदन
Coronavirus अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों से इतर अन्य मरीजों के लिए 20 अप्रैल से नई व्यवस्था बनाई जा रही है।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज के मद्देनजर देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute Of Medical Science) ने बड़ा और अहम फैसला लिया है।
अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों से इतर अन्य मरीजों के लिए 20 अप्रैल से नई व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके तहत जिन लोगों का एम्स से इलाज चल रहा है उन्हें सलाह दी गई है वे परामर्श के लिए ऑनलाइन आवेदन करें। इसके बाद उन्हें परामर्श के लिए तारीख उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके बाद दी गई तारीख पर संबंधित विभाग के डॉक्टर इन रोगियों को बुलाएंगे और उन्हें अपेक्षित चिकित्सीय सलाह देंगे।
गौरतलब है कि एम्स के ट्रामा सेंटर को कोविड-19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है, जिसमें सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है। वहीं, अन्य बीमारी से संबंधित मरीजों की आने से उन्हें भी कोरोना संक्रमण का खतरा बराबर रहता है, ऐसे में एम्स ने यह बड़ा फैसला लिया है।
एम्स में कोरोना संदिग्ध मरीजों की सेवा में लगे डॉक्टरों को भेंट किए रोबोट
कोरोना संदिग्ध मरीजों के संपर्क में आने वाले डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सेवरॉन फाउंडेशन नाम की संस्था ने शुक्रवार को एम्स को दो रोबोट भेंट किए हैं। मिलाग्रो आइमैप और मिलाग्रो ह्यूमनोइन नामक इन दो रोबोट को मिलाग्रो रोबोट्स नाम की कंपनी ने डिजाइन किया है। मिलाग्रो कंपनी के फाउंडर राजीव करावल का कहना है कि अस्पताल के लिए यह रोबोट बहुत मददगार साबित होंगे।
वहीं, एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने इस नेक काम के लिए संस्था को शुक्रिया अदा किया है।ऐसे काम करेंगे रोबोटमिलाग्रो आइमैप रोबोट फर्श साफ करने का काम करेगा। इस रोबोट में लगे सेंसर तुरंत पता लगा लेंगे कि फर्श में पड़ी गंदगी में कोरोना वायरस है या नहीं और यदि वायरस डिटेक्ट हो जाता है तो यह उसे तुरंत खत्म कर देगा। वहीं मिलाग्रो ह्यूमनोइड रोबोट की मदद से डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ बिना नजदीक जाए कोरोना संदिग्ध मरीजों से बात कर सकेंगे।